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लखनऊ में बाबा साहब द्वितीय पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला हुई शुरू, वरिष्ठ पत्रकारों ने रखे अपने विचार

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लखनऊ। साप्ताहिक अखबार निष्पक्ष दिव्य संदेश के तत्वावधान में हुई बाबा साहब द्वितीय पत्रकार प्रशिक्षण कार्यशाला में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि पत्रकारिता में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के मुद्दो को वरीयता मिलनी चाहिए। मीडिया में दलितों की सहभागिता बढ़नी चाहिए। पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान लखनऊ के कई पत्रकारों ने भी विचार रखे।

वरिष्ठ पत्रकार डा.चंद्र सेन वर्मा ने कहा कि तकनीक ने पत्रकारिता की दशा दिशा बदल दी है। मीडिया का स्वरूप तेजी से बदला है। अब डिजिटल मीडिया का जमाना है। इसकी स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है।

के न्यूज के संपादक प्रदीप विश्वकर्मा ने कहा कि आज पत्रकारिता में विश्वास का संकट बढ़ता जा रहा है। विमर्श और तथ्यों का अभाव है। एक समय था कि पत्रकारिता में नए नए नवाचार होते थे। इस दिशा में काम किए जाने की जरूरत है। पत्रकार अनुराग यादव ने डिजिटल मीडिया पर अपने विचार रखे।

उन्होंने कहा कि आज सूचना की रफ्तार बहुत ज्यादा है। ऐसे में डिजिटल मीडिया की आवश्यकता बहुत ज्यादा है। यदि कंटेंट आपका अच्छा है तो वह प्रिंट से अधिक डिजिटल पर देखा जाता है। डिजिटल से हम करोड़ों लोगों तक एक ही मिनट में पहुंच सकते हैं। पत्रकार मनोज मिश्रा ने कहा कि हमें पत्रकारिता को और विश्वसनीय बनाना होगा।

पत्रकार के उनका विषय अहम होता है। ऐसे में आप जिस भी विधा की रिपोर्टिंग करते हैं, उसकी गहराई को जानें।  समाजसेवी और प्रखर वक्ता ताहिरा हसन ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आज आंबेडकर को पत्रकारिता में उतारने की जरूरत है। हाशिए के तबके की रिपोर्टिंग नहीं हो रही है। उनके मुद्दे गायब हैं। हमें ऐसे लोगों को खोज कर लाना होगा जो विकास की मुख्य धारा से बहुत पीछे छूट गए हैं।

अपर महानिदेशक पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार लखनऊ अरिमर्दन सिंह ने भी विचार रखे। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष पत्रकारिता एक चुनौती है, लेकिन इस चुनौती को स्वीकार करना ही होगा। विश्वसनीयता सबसे अहम है। यदि आपकी खबरों में विश्वसनीयता नहीं है, तो यह घातक है। पूर्व वित्त मंत्री के.के.गौतम ने कहा कि मीडिया मनी रोग से ग्रसित है। इस रोग के कारण मीडिया की छवि धूमिल होति है। दूरदर्शन के पूर्व निदेशक प्रभु झींगरन ने भविष्य की मीडिया के बारे में प्रकाश डाला। बाबा साहेब आंबेडकर प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन 4 अगस्त को होगा। इस कार्यशाला में विभिन्न स्कूल और कॉलेजों से सैकड़ों छात्र और छात्राएं प्रशिक्षण के लिए आ रहे हैं। ग्रैंडियर थर्ड 302 अपार्टमेंट में चल रहे कार्यशाला में अनुभवी पत्रकार भी अपने अनुभव साझा करेंगे।

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बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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