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7600 करोड़ लिए दरवाजे पर खड़े थे कंपनी वाले, लेकिन इस भारतीय ने कर दिया ऑफर रिजेक्ट, जानिए वजह

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नई दिल्ली। जहां नए बिजनेस शुरू करने के बाद लोग फंडिंग के सपने देखते हैं वहीं आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने 7.6 हजार करोड़ का ऑफर ठुकरा दिया।

हम बात कर रहे हैं ओला के को-फाउंडर भाविश अग्रवाल की। भाविश को जापानी कंपनी ने ओला में 1.1 अरब डॉलर (लगभग 7.6 हजार करोड़) के निवेश का ऑफर दिया था लेकिन उन्होंने इस ऑफर को रिजेक्ट कर दिया। दरअसल भाविश कंपनी पर अपना कंट्रोल बनाए रखना चाहते हैं यही वजह है कि उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं।

Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक जापानी बिजनेसमैन और इन्वेस्टर Masayoshi Son सॉफ्टबैंक के प्रमुख हैं। ओला के शुरुआती दिनों में भी सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प इसमें निवेशक था।

इसके बाद सॉफ्टबैंक ने Ola के प्रतिद्वंदी स्टार्टअप Uber में हिस्सेदारी खरीद ली। फिर सॉफ्टबैंक ने ओला और उबर के मर्जर की खासी कोशिशें कीं, लेकिन भाविश ने उसके इस प्लान को अटका दिया।

इस बीच सॉफ्टबैंक ने ओला को 1.1 अरब डॉलर के निवेश का ऑफर दिया। अगर ऐसा होता तो ओला में सॉफ्टबैंक की हिस्सेदारी बढ़कर 40 फीसदी हो जाती।

इस प्रस्ताव के सामने भाविश ने ओला में अपना कंट्रोल बनाए रखने की शर्त रखी, जिससे यह डील अटक गई। अब अग्रवाल दूसरे इन्वेस्टर्स से फंडिंग जुटा रहे हैं।

इसी साल उन्होंने Hyundai Motor Co. से 2,082 करोड़ रुपए और Flipkart के को-फाउंडर सचिन बंसल से 624 करोड़ रुपए जुटाए।

गौरतलब है कि 33 साल के भाविश अग्रवाल ने साल 2011 में अपने इंजीनियरिंग स्कूल के दोस्त अंकित भाटी के साथ मिलकर Ola की शुरुआत की थी।

भारत में भाविश का यह बिजनेस खासा सफल रहा है। फिलहाल इस प्लेटफॉर्म पर देश के 100 से ज्यादा शहरों में 13 लाख ड्राइवर हैं।

पिछले साल कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन में सर्विसेज देना शुरू किया है। भारत में कंपनी ने फूड बिजनेस में भी एंट्री मारी है। इसके साथ ही Uber Eats, Zomato और Swiggy के मार्केट शेयर पर भी हिस्सेदारी कर ली है।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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