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प्रादेशिक

लखनऊ के फूड मैन विशाल सिंह को न्यायधीश वी सी गुप्ता ने किया सेवा पदक से सम्मानित

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लखनऊ। सोमवार 11 मार्च को भारतीय वरिष्ठ नागरिक समिति द्वारा कैसरबाग स्थित राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह मैं 19 वां वार्षिक महाधिवेशन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में न्यायाधीश वी सी गुप्ता ने विजय श्री फाउंडेशन (प्रसादम सेवा) के प्रबंधक विशाल सिंह को सेवा पदक देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में भावना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार शुक्ला द्वारा संस्था के सदस्यों को सम्मानित किया गया एवं एस एस सक्सेना,वरिष्ठ उपाध्यक्ष, भावना द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों के बारे में लोगों को अवगत कराया।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में भावना के वरिष्ठ सदस्यों, माननीय न्यायमूर्ति सुधीर चंद्र वर्मा, सुशील शंकर सक्सेना, मनोज कुमार गोयल, प्रेम नारायण पांडे, इंदु प्रभा गर्ग, आशा लता निगम और सुरेश कुमार मिश्रा का पुष्प-गुच्छ देकर एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम में मंचासीन रहे न्यायमूर्ति विष्णु चंद्र गुप्ता मुख्य अतिथि रहे एवं न्यायमूर्ति एससी वर्मा जी( सेवानिवृत ), न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ जी सूर्य वाइस चांसलर, लक्ष्मीकांत माहेश्वरी हेल्प एज इंडिया से ए के सिंह और अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित रहे।

 

सम्मानित होने वाले व्यक्तियों में जगत बिहारी अग्रवाल (महासचिव), अनिल कुमार शर्मा (अध्यक्ष एन०सी०आर०), देवेंद्र स्वरूप शुक्ला( उप महासचिव, कार्यान्वयन), जगमोहन लाल जायसवाल उपमहासचिव (प्रशासन), राजेंद्र कुमार चुघ (सचिव), शिव शंकर प्रसाद शुक्ला (सचिव ), सतपाल सिंह (उपमहासचिव एडवोकेसी) आदि उपस्थित रहे।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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