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सर्वोच्च न्यायालय ने पटनायक के खिलाफ याचिका खारिज

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भुवनेश्वर| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को तालाबिरा-2 कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में सम्मन भेजने की मांग की गई थी। यह जानकारी यहां याचिकाकर्ता के वकील ने दी। न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की पीठ ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

याचिकाकर्ता एन.के. साहू के वकील ने आईएएनएस से कहा, “न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता को यह याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। न्यायालय ने उन पर एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया।”

साहू ने 11 मार्च को दायर याचिका में कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख को सम्मन भेजा गया, लेकिन पटनायक को सम्मन नहीं भेजा गया। उन्होंने आग्रह किया कि ओडिशा के मुख्यमंत्री को भी सम्मन भेजा जाए, क्योंकि उनके पत्र ने ही बिड़ला के पक्ष में आवंटन का पलड़ा झुकाया था। पटनायक ने 2005 में मनमोहन सिंह को एक पत्र लिख कर ब्लॉक का आवंटन हिंडाल्को को करने का अनुरोध किया था। सर्वोच्च न्यायालय मनमोहन सिंह को भेजे गए सम्मन पर रोक लगा चुका है।

नेशनल

स्वाति मालीवाल ने निर्भया कांड को किया याद, कहा- अब पार्टी के लोग एक आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं

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नई दिल्ली। आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने रविवार को 12 साल पुराने निर्भया कांड को याद करते हुए कहा कि अब पार्टी के लोग एक आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार के खिलाफ 13 मई को सीएम आवास के भीतर बदसलूकी की शिकायत दर्ज कराने वाली मालीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “एक समय था जब हम सब निर्भया के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर निकले थे। आज, 12 साल बाद, हम उस आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं जिसने सीसीटीवी फुटेज मिटा दिया और फोन को फार्मेट कर दिया।”

उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “काश उन्होंने मनीष सिसोदिया जी के लिए इतनी ताकत झोंकी होती। यदि वह यहां होते तो हो सकता है कि मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ होता।” विभव कुमार को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और देर रात एक स्थानीय अदालत ने उन्हें पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसे जो सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराया गया है वह ब्लैंक है। कुमार ने अपना मोबाइल फोन पुलिस को दिया लेकिन पासवर्ड नहीं बताया। इसके अलावा कुमार ने खराबी का बहाना बनाकर एक दिन पहले अपना मोबाइल फॉर्मेट कर दिया था।

पुलिस ने अदालत को बताया कि फोन को फॉर्मेट करने से पहले उसके डाटा को क्लोन करना होता है। इसलिए, उनके फोन के डाटा को वापस हासिल करने के लिए उन्हें मुंबई ले जाया जाएगा क्योंकि डाटा रिट्रीव करने के लिए विशेषज्ञों के समक्ष उनकी उपस्थित जरूरी है। पुलिस ने मामले में छेड़छाड़ और गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। सिविल लाइंस थाने में दर्ज मामले में आईपीसी की धारा 308 (गैर-इरादतन हत्या), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354बी (महिला का चीरहरण करने के उद्देश्य से बलप्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (महिला का शीलभंग करने वाले शब्द, भंगिमा या कार्य) के तहत आरोप लगाये गये हैं।

 

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