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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश दौरे से पहले आपात बैठक बुला सकता है बीसीसीआई

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ढाका/कोलकाता | भारतीय क्रिकेट टीम के जून में होने वाले बांग्लादेश दौरे को लेकर चल रही गड़बड़ी पर विचार-विमर्श करने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) एक सप्ताह के भीतर आपात बैठक बुला सकता है। गुरुवार को ढाका में आई एक मीडिया रपट के अनुसार, बांग्लादेश के मुस्तफा कमाल द्वारा बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन पर दोषारोपण करते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से इस्तीफा देने से यह मामला जुड़ा हुआ है।

समाचार वेबसाइट ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ की रपट में बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि कमाल द्वारा श्रीनिवासन निशाना साधने के बाद पैदा हुई जटिल परिस्थितियों पर विचार-विमर्श के लिए यह बैठक बुलाई जा सकती है। कमाल ने आईसीसी विश्व कप-2015 में विजेता टीम को विश्व कप ट्रॉफी प्रदान करने का मौका न दिए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए बुधवार को आईसीसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि कमाल की जगह आईसीसी के चेयरमैन श्रीनिवासन ने 29 मार्च को विश्व विजेता आस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान माइकल क्लार्क को ट्रॉफी प्रदान की थी, जिसे कमाल आईसीसी के नियमों का खुला उल्लंघन बताया। बीसीसीआई के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कमाल प्रकरण पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। बीसीसीआई के अधिकारी ने हालांकि पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि बीसीसीआई के अंदर श्रीनिवासन के समर्थक आपात बैठक बुलाए जाने पर दबाव डाल रहे हैं।

अधिकारी ने कहा, “वे बीसीसीआई पर बांग्लादेश टूर रद्द करने का दबाव डाल सकते हैं, क्योंकि श्रीनिवासन आईसीसी में बीसीसीआई के प्रतिनिधि हैं और कमाल ने उन पर दोषारोपण किया है। वे इस मामले को राष्ट्रीय मुद्दा होने का तर्क दे सकते हैं।” अधिकारी ने हालांकि यह भी कहा, “लेकिन बीसीसीआई में श्रीनिवासन के विरोधी गुट के भी काफी सदस्य हैं, जो पूरे मामले को कमाल का निजी मुद्दा बताकर इस तरह की किसी योजना का सख्त विरोध करेंगे।”

बीसीसीआई यदि बांग्लादेश दौरा रद्द करती है तो कमाल अपने देश की सरकार की ओर से इस मुद्दे को दिल्ली के समक्ष उठवा सकते हैं। दूसरी ओर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार यह दौरा कभी रद्द नहीं करना चाहेगी, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है।

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पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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