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12 साल की उम्र पाकिस्तान से आया बच्चा कैसे बन गया दिल्ली का मुख्यमंत्री, जानिए पूरी कहानी
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना ने शनिवार देर रात अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वह 82 साल के थे। खुराना साल 1993 से 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे।
राजनीतिक ने सक्रिय रहते हुए खुराना राजस्थान के राज्यपाल भी रहे।खुराना का जन्म 15 अक्टूबर 1936 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैसलाबाद (ब्रिटिश काल के लायलपुर) में हुआ था।
12 साल की उम्र में वो परिवार के साथ पाकिस्तान से दिल्ली आ गए और रिफ्यूजी कॉलोनी कीर्ति नगर रहने लगे। खुराना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएट और फिर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की।
उन्होंने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रख दिया था। खुराना साल 1959 में इलाहाबाद छात्र संघ के महासचिव चुने गए और फिर साल 1960 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महासचिव बने।
वह जनसंघ के भी महासचिव रहे। इससे पूर्व वह दिल्ली के पीजीडीएवी कॉलेज(सांध्य) में शिक्षक भी रहे। आपको बता दें कि मदन लाल खुराना ब्रेन स्ट्रोक की वजह से कुछ सालों से कोमा में थे।
मुख्यमंत्री के अलावा खुराना 1999 में वाजपेयी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी रहे। अपने राजनीतिक जीवन में खुराना ने 11 बार (लोकसभा और विधानसभा) चुनाव जीते।
साल 2003 में दिल्ली में बीजेपी की करारी शिकस्त के बाद खुराना दिल्ली अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें राज्यपाल बना दिया गया।
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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी
नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।
वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।
स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।
नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”
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