अन्तर्राष्ट्रीय
‘नाइजीरिया में चुनाव प्रभावित नहीं कर पाया बोको हराम’
संयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि आतंकवादी संगठन बोको हराम नाइजीरिया में चुनाव को प्रभावित नहीं कर पाया है और क्षेत्रीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई के कारण इलाके से इसका नियंत्रण कम हुआ है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के पश्चिमी अफ्रीकी कार्यालय के प्रमुख मोहम्मद इब्न चाम्बस और संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन राहत समन्वयक क्युंग-वहा कंग ने बोको हराम को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बारे में जानकारी दी।
सुरक्षा परिषद ने ‘आतंकवाद से अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरा’ विषय पर चर्चा की।
चामबास ने कहा कि बोको हराम कमजोर पड़ रहा है, लेकिन अब भी हिंसक कृत्य कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने रविवार को नाइजीरिया में शांतिपूर्ण राष्ट्रपति एवं संसदीय चुनाव के लिए इसकी सराहना की थी।
नाइजीरिया में कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को मतदान शुरू हुआ, जिस दौरान 5.6 करोड़ मतदाताओं ने राष्ट्रपति के चुनाव के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
इससे पहले शनिवार सुबह ही बोको हराम ने बोर्नो राज्य के एक समुदाय पर हमला किया, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी।
चुनाव की तारीख छह सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई थी, ताकि इस अवधि में सरकारी सुरक्षाकर्मी बोको हराम के कब्जे वाले इलाकों को अपने नियंत्रण में ले सकें।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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