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आध्यात्म

गुजरात में आए भूकंप में भक्ति धाम मनगढ़ ने अटल बिहारी वाजपेयी को सौंपा था लाखों का चेक

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प्रतापगढ़: गुजरात में आए भूकंप की घटना तो शायद अभी तक सभी को याद होगी | 2001 में कच्छ में आए भूकंप की घटना में हजारों लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे | उस समय देश के सभी लोगों ने भूकंप पीड़ितों के लिए दुआ की थी |

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इसी भूकंप पीड़ितों की मदद करने के लिए जगद्गुरु कृपालुजी महाराज के आदेश पर ट्रस्ट के प्रचारक राधिका शरण की अगुवाई में तत्कालीन दिल्ली के मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा के साथ दादर योगेश्वरी देवी प्रचारक एवं भक्ति धाम मनगढ़ की शिष्या डॉक्टर भगवंती देवी लेक्चरर ग्वालियर के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से दिल्ली में मुलाकात कर कच्छ में आए भूकंप पीड़ितों के लिए करीब 20,00000 रुपए का आर्थिक मदद का चेक दिया था | साथ ही भक्ति धाम मनगढ़ के बारे में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को विस्तृत जानकारी दी गई थी |

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आपको बता दे, उस समय जगद्गुरु कृपालुजी महाराज की उम्र करीब 78 साल की थी | वैसे तो ट्रस्ट द्वारा देश में जब भी कभी देवी यात्रा जैसी घटनाएं हुई हैं तो ट्रस्ट द्वारा हरदम लाखों करोड़ों रुपए की मदद पीड़ितों को पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के माध्यम से दान स्वरूप भेजा गया है|

 

 

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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