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2019 लोकसभा चुनाव का सबसे बड़ा सर्वेः इस पार्टी को लग सकता है तगड़ा झटका

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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय बचा है। ऐसे में तमाम राजनीतिक दल अपना वोट साधने में लग गए हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर जहां एक ओर बीजेपी 4 साल में अपने द्वारा किए काम की उपलब्धियां गिना रही है वहीं कांग्रेस राफेल और नीरव मोदी जैसे मुद्दों को उठा कर केंद्र सरकार को लगातार घेरने की कोशिश कर रही है।

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इस तमाम सियासी उठापटक के बीच एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है। इस सर्वे को जानने के बाद कई दलों को तगड़ा झटका लग सकता है। कार्वी इनसाइट्स-इंडिया टुडे के सर्वे में एक ऐसी बात निकल कर सामने आई है जिससे सियासी भूचाल आना लगभग तय माना जा रहा है। सर्वे के मुताबिक अगर सभी विपक्षी दल एक साथ आ जाए तो बीजेपी को तगड़ा झटका लग सकता है। आईए जानते हैं क्या कहता है ताजा सर्वे…

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2019 में मोदी का विकल्प कौन?

सर्वे में जब यह बात पूछी गई तो 46 फीसद लोगों ने राहुल गांधी को मोदी का बेहतर विकल्प बताया जबकि ममता बनर्जी को 8 और अखिलेश यादव को 4 फीसद लोगों ने समर्थन किया।

प्रधानमंत्री पद की पहली पसंद

सर्वे में 49 फीसदी लोगों को की पहली पंसद अभी भी नरेंद्र मोदी बने हुए हैं जबकि 27 फीसदी लोग राहुल गांधी को पीएम पद पर देखना चाहते हैं।

अभी चुनाव होने पर किसे मिलेंगी ज्यादा सीटें

सर्वे में लोगों के मन को टटोलने की पूरी कोशिश की गई है। सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव होते हैं तो एनडीए को 36 फीसदी और यूपीए को 31 फीसदी वोट मिलेंगे। अगर इनको सीटों में बदला जाए तो एनडीए को पिछली बार से कम सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। इस बार एनडीए के खाते में 281 सीटें तो यूपीए को 122 सीटें मिलती दिख रही हैं। जबकि अगर अन्य की बात करें तो उनके हिस्से में 140 सीटें आती नजर आ रही हैं।

10 महीने बाद चुनाव होंगे तो क्या होगा?

अगर तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी बीएसी और कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें 543 में से 242 सीटें मिल सकती हैं। जिसमें कांग्रेस को 92 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं अगर बात एनडीए की करें तो एआईडीएमके वाईएसआर कांग्रेस अगर साथ आ जाते हैं तो इस गठबंधन को 255 सीटें मिलती दिख रही है। जिसमें बीजेपी की सीटें 191 हैं।

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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