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जब ‘संपादक’ अटल ने बहन की शादी में जाने से कर दिया था मना तो किसने भेजा था उन्हें कानपुर?

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लखनऊ। 25 दिसंबर 1924 को जब ग्वालियर के एक ब्राह्मण परिवार में एक लड़का जन्म ले रहा था तो किसे पता था कि 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु हासिल कर जब वो दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती होंगे तो 125 करोड़ लोग उनकी सलामती के लिए धर्म, जाति और राजनीतिक पार्टियों की सीमाओं से ऊपर उठकर दुआ कर रहे होंगे। ये अटल का ही करिश्मा था जो 1977 से शुरू हुआ और एक राजनीतिक युग के साथ ही खत्म हो गया।

आज अटल हमारे बीच नहीं हैं। ऐसे में हर तरफ सिर्फ अटल से जुड़े किस्से ही सुनाए जा रहे हैं। लखनऊ से अटल को खास लगाव था। वो लखनऊ ही है जहां से अटल जी लगातार पांच बार सांसद रहे। अटल जी एक पत्रकार भी थे। वो लखनऊ से प्रकाशित होने वाले अख़बार ‘स्वदेश’ के संपादक भी थे। ऐसे में उसी समय का एक किस्सा भी है जब कानपुर में उनकी बहन की शादी थी और उन्होंने अखबार के काम के चलते जाने से मना कर दिया था।

अटल बिहारी वाजपेयी जी लखनऊ में ‘स्वदेश’ अखबार के संपादक थे। उसी दौरान कानपुर में अटल जी की बहन का विवाह समारोह पड़ा। शादी के दिन नानाजी देशमुख ने अटल जी से कहा कि आज तुम्हारी बहन की शादी है।

अटल जी बोले, “अखबार शादी से ज्यादा जरूरी है।” नानाजी चुपचाप कानपुर चले गए। वहां उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय से ये बात बताई। दीनदयाल जी कानपुर से लखनऊ आए। वह अटल से कुछ नहीं बोले और कंपोजिंग में जुट गए। शाम हुई तो उपाध्याय जी ने अटलजी से कहा, “यह जो गाड़ी खड़ी है। इसमें तुम तुरंत कानपुर जाओ। बहन की शादी में शामिल हो और मुझसे कोई तर्क मत करना।”

आज अटल जी के जाने से पूरा देश और खासकर लखनऊ गहरे शोक में है। न सिर्फ लखनऊ बल्कि पूरा देश अटल जी जैसे जननेता और कवि को कभी भुला नहीं पाएगा। ‘आज की खबर’ भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अश्रुपूर्ण श्रृद्धांजलि अर्पित करता है।

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राजनाथ सिंह ने लखनऊ लोकसभा सीट से दाखिल किया नामांकन, सीएम योगी भी रहे मौजूद

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लखनऊ। केंद्रीय रक्षा मंत्री और लखनऊ लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार राजनाथ सिंह ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे।

राजनाथ सिंह लगातार तीसरी बार लखनऊ से चुनाव मैदान में हैं. वे यहां से 2014 और 2019 में भी चुनाव जीत चुके हैं.। लखनऊ सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। यहां से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (1991, 1996, 1998, 1999 और 2004) में सांसद चुने गए। 2009 में इस सीट से बीजेपी के लालजी टंडन से जीत हासिल की। इससे पहले 1989 में जनता दल के मांधाता सिंह जनता दल के टिकट पर सांसद चुने गए थे।

इससे पहले नामांकन के लिए राजनाथ सिंह का रोड शो लखनऊ के भाजपा कार्यालय से शुरू हुआ और वह सैकड़ों की संख्या में अपने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता बेहद उत्साहित रहे और तीसरी बार उनकी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आए। लखनऊ में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। समाजवादी पार्टी ने इस सीट से रविदास मेहरोत्रा ​​को मैदान में उतारा है।

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