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मुख्य समाचार

लोकसभा में शेर की तरह गूंजती थी आवाज, ब्रेन स्ट्रोक से अस्पताल में लड़ रहे जीवन की लड़ाई

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वर्ष 2004 में जब उस वक्त के लोकसभा अध्यक्ष के सामने लोकसभा की कार्यवाही होती थी और कोई गड़बड़ी फैलाता था तो वो शेर की तरह दहाड़ता था और सब चुप हो जाते थे। …पर आज वो सेरिब्रल हैमरेज स्ट्रोक के बाद यहां एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

बेलेव्यू क्लीनिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप टंडन ने बताया, “उनकी हालत और ज्यादा खराब नहीं हुई है। वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं।”

टंडन ने कहा कि सोमनाथ (89 वर्ष) को सोमवार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका इलाज अब एक बड़े मेडिकल बोर्ड के सदस्य, जिनमें पारिवारिक चिकित्सक और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं, द्वारा किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मेडिकल बोर्ड सुकुमार मुखर्जी की निगरानी में काम कर रहा है।

चटर्जी 2004 से 2009 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं। (इनपुट आईएएनएस)

उत्तर प्रदेश

कोरोना की दवाओं की परमिशन देने वालों पर चलाया जाना चाहिए हत्या का मुकदमा: अखिलेश यादव

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लखनऊ। कोरोना वायरेस के टीके ‘कोविशील्ड’ की गुणवत्ता पर विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है। कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव ने इस मामले पर सत्ताधारी भाजपा हमला बोला है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन अधिकारियों ने इस वैक्सीन के लिए मंजूरी दी थी उन्होंने ही इस टीके को नहीं लगवाया। अखिलेश यादव ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी हाई लेवल ज्यूडिशियल जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ‘जानलेवा’ दवाओं की परमिशन देना किसी की हत्या की साजिश के बराबर है और इसके जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “एक व्यक्ति को 2 वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गयी है, जिसके बारे में उसका मूल फ़ार्मूला बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि इससे हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के बुरे परिणाम की आशंका थी, अब उनका शक और डर सही साबित हुआ है।” उन्होंने कहा, “लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जनता माफ़ नहीं करेगी। ऐसी जानलेवा दवाइयों को परमिशन देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों पर आपराधिक मुक़दमा चलना चाहिए।

गौरतलब है कि ब्रिटेन स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि इसका कोविड टीका रक्त के थक्के जमाने संबंधी दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, लेकिन इनके बीच कोई संबंध होने की जानकारी नहीं है. ब्रिटेन के एक अखबार ने अदालती दस्तावेज के हवाले से यह दावा किया है.

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