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रतन टाटा बने रेलवे कायाकल्प परिषद के अध्यक्ष
नई दिल्ली| टाटा संस के सेवानिवृत्त अध्यक्ष रतन टाटा को भारतीय रेल के नवाचार परिषद ‘कायाकल्प’ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह जानकारी गुरुवार को सरकार ने दी। आधिकारिक बयान के मुताबिक रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने परिषद का गठन किया और टाटा को उसका अध्यक्ष नियुक्त किया। यह परिषद भारतीय रेल में सुधार के लिए नए उपायों का सुझाव देगा।
बयान में कहा गया है, “यह स्थायी परिषद होगा और सभी सभी संबंधित पक्षों से विमर्श करता रहेगा।” परिषद के शुरुआती सदस्यों में ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्र, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (एनएफआईआर) के महासचिव एम राघवैश भी होंगे। समय के साथ अन्य सदस्यों के नामों की भी घोषणा की जाएगी।
26 फरवरी को रेल बजट पेश करते हुए प्रभु ने कहा था, “हर सक्रिय और बेहतर काम करने वाले संगठन को अपने काम काज के तरीकों में नवाचार के साथ सुधार करना होता है।”
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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना
लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवार कौन होगा? इसपर सस्पेंस खत्म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखिरी दिन नई लिस्ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।
उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’
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