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अन्तर्राष्ट्रीय

कोलंबिया के नए राष्ट्रपति इवान डुक चुने गए, दो अगस्त को लेंगे राष्ट्रपति पद की शपथ

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कोलंबिया के नए राष्ट्रपति इवान डुक चुने गए हैं। इवान डुक (41 वर्ष) को 1.03 करोड़ वोट  मिले हैं। कोलंबिया में डेमोक्रेटिक सेंटर पार्टी के नेता इवान डुक को सोमवार को देश का नया राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, इवान डुक (41 वर्ष) को रविवार को 1.03 करोड़ वोट यानी 53.98 फीसदी वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी गुस्तावो पेट्रो को 80 लाख यानी लगभग 41.81 फीसदी वोट मिले।
इवान डुक ने चुनावी नतीजों का पता चलने के बाद रविवार रात को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं बड़ी नम्रता और सम्मान के साथ कोलंबिया के लोगों को यह बताना चाहता हूं कि मैं देश को एकजुट रखने में अपनी सारी ऊर्जा लगा दूंगा।”
उन्होंने कहा कि उनके लिए किसी भी नगारिक की हार नही हुई है क्योंकि वह देश के सभी नागरिकों के राष्ट्रपति बनना चाहते हैं, जिन्होंने उन्हें दिया है, उनके भी और जिन्होंने वोट नहीं दिया उनके भी।
इवान डुक दो अगस्त को पद की शपथ लेंगे और उनका कार्यकाल दो अगस्त 2022 तक रहेगा।  इवान ड्यूक अगस्त में शपथ ग्रहण के बाद वह 1872 के बाद से कोलंबिया के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति होंगे।
निवर्तमान राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सांतोस ने फोन कर डुक को जीत की बधाई दी। सांतोस ने ट्वीट कर कहा, “मैंने इवान डुक को फोन कर बधाई दी और उन्हें शुभकामनाएं दीं।”
बोगोटा के पूर्व मेयर पेट्रो ने रविवार शाम को अपनी हार स्वीकार कर ली।
लैटिन अमेरिका देश कोलंबिया में बदलाव व शांति की नई बयार बह रही है। कोलंबिया के सबसे पुराने गुरिल्ला संगठन फार्क शांति के लिए तैयार हो गया। इसे 21वीं सदी की सबसे बड़ी शांति पहल माना जा सकता है। पांच दशक से सेना और फार्क के बीच हुई लड़ाई में ढाई लाख लोगों की जान गई। करीब 40 हजार लोग गुमशुदा हैं। यूएन के मुताबिक इस गृहयुद्ध में करीब 74 लाख लोग विस्थापित हुए। इस समझौते के बाद फार्क अब राजनीति दल बन गया है। (इनपुट आईएएनएस)

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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