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मुख्य समाचार

काला धन विधेयक में कर चोरों को 10 साल की जेल

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काला धन विधेयक, कर चोरों को 10 साल की जेल, वित्तमंत्री अरुण जेटली, विदेशी आय एवं अज्ञात संपत्ति (नए कर का अधिरोपण) विधेयक, 2015, लोकसभा में पेश

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नई दिल्ली| केंद्रीय बजट के दौरान कालेधन को वापस लाने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा की गई घोषणाओं को ठोस स्वरूप देने के लिए सरकार ने काला धन विरोधी कानून को मंजूरी दी। विदेशी आय एवं अज्ञात संपत्ति (नए कर का अधिरोपण) विधेयक, 2015 लोकसभा में पेश किया जाएगा, जिसके तहत जो व्यक्ति विदेशी संपत्ति से संबंधित करों को बचाने की जुगत करेंगे, उन्हें 10 वर्षो की कठोर सजा होगी।

इसके प्रावधानों के तहत विदेशी आय व संपत्तियों को छिपाना समझौते के अयोग्य होगा और विवाद को सुलझाने के लिए उन्हें समझौता आयोग जाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही छिपाई गई आय या संपत्ति पर लगने वाले कर का 300 फीसदी की दर से उन्हें जुर्माना देना होगा।

नए कानून के मुताबिक, किसी भी अघोषित विदेशी संपत्ति या विदेशी संपत्ति से अघोषित आय पर कर अधिकतम सीमांत दर के हिसाब से लगेगा। लाभार्थी या विदेशी संपत्ति के लाभार्थी को रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा, भले ही आय कर योग्य न हो। समाचारपत्र इंडियन एक्सप्रेस की पिछले महीने की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2006-07 के दौरान एचएसबीसी बैंक की जेनेवा शाखा में 1,195 भारतीयों के खाते थे।

रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने 350 विदेशी खातों का आकलन पूरा कर लिया है, जबकि 60 खाताधारकों के खिलाफ कर चोरी की कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसी बीच, आयकर विभाग ने कर चोरी के गंभीर मामलों को दीवानी मामलों से आपराधिक मामलों की ओर कर दिया है।

पिछले महीने एक बयान में वित्त मंत्री ने कहा, “साल 2014-15 के दौरान (दिसंबर 2014 तक) आयकर विभाग ने 414 समूहों में तलाशी ली थी और 582 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति को जब्त किया था।” इन तलाशियों के दौरान करदाताओं ने 6,769 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति को स्वीकारा था।

विधेयक के मुख्य बिंदू :

– विदेशी संपत्ति से संबंधित कर की चोरी करने वालों को अधिकतम 10 वर्ष की कठोर सजा

– छिपाई गई आय व संपत्ति पर 300 फीसदी की दर से जुर्माना

– किसी भी अघोषित विदेशी संपत्ति या विदेशी संपत्ति से अघोषित आय पर अधिकतम कर लागू होगा

– लाभार्थी या विदेशी संपत्ति के लाभार्थी को रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा, भले ही कर योग्य आय न हो

– आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करने या विदेशी संपत्ति की अपर्याप्त खुलासे का रिटर्न दाखिल करने पर सात साल की कठोर साजा का प्रावधान।

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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