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आम बजट : छोटे करदाताओं, छोटे उद्योगों को आयकर में राहत

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आम बजट : छोटे करदाताओं, छोटे उद्योगों को आयकर में राहत

नई दिल्ली | केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को संसद में वित्त वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश किया। उन्होंने छोटे करदाताओं के साथ ही छोटी कंपनियों को भी आयकर में राहत दी है।

जेटली ने छोटे करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए 2.5 लाख रुपये और पांच लाख रुपये के बीच की व्यक्तिगत आय पर कर दर 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की। जिन कंपनियों का कारोबार 50 करोड़ रुपये सालाना से कम है, उनके लिए आयकर घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है।

आम बजट 2017-18 में देश में तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगा दी गई है। वित्तमंत्री ने संसाधन जुटाने के लिए भी कई कदमों की घोषणा की। इसके तहत आयकर अधिनियम की धारा 115 बीबीडीए के प्रावधानों को विस्तृत करने का प्रस्ताव है, जिनमें धारा 12एए के अंतर्गत अथवा धारा 10 (23सी) में उल्लिखित पंजीकृत घरेलू कंपनियों अथवा न्यास या संस्था अथवा निधि को छोड़ सभी निवासी व्यक्तियों के मामले में लाभांश आय के 10 लाख रुपये से अधिक होने पर 10 प्रतिशत दर से कर लगाने का प्रावधान है। इस समय यह प्रावधान केवल व्यक्तियों, हिन्दू अविभक्त परिवारों (एचयूएफ) और कंपनियों पर लागू है।

इसके साथ ही एक अक्टूबर, 2004 के बाद अधिग्रहीत सूचीबद्ध शेयरों के हस्तांतरण के मामले में हासिल दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ से छूट पर कुछ बंदिशें लगाई गई हैं।

वित्तमंत्री ने कहा, “बजट में कुल व्यय 21,47,000 करोड़ रुपये रखा गया है। सरकार का जोर राजस्व और पूंजीगत खर्च बढ़ाने पर है। आर्थिक मामलों के विभाग को नई योजनाओं के लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रक्षा खर्च में पेंशन मद को मिला कर 2,74,114 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 3.2 फीसदी रखा गया है, जिसे अगले साल घटाकर तीन फीसदी कर दिया जाएगा। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजस्व घाटे को 1.9 फीसदी रखा गया है।”

वित्तमंत्री ने कहा, “हमारा समाज कर न चुकानेवाला समाज है, जिसके कारण ईमानदार लोगों पर कर बोझ बढ़ जाता है। देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह अर्थव्यवस्था के आय और खर्च के पैटर्न के अनुरूप नहीं है। संगठित क्षेत्र में कुल 4.2 करोड़ लोग कार्यरत हैं, जिसमें से 3.74 करोड़ लोग ही र्टिन भरते हैं। देश में 50 लाख रुपये से अधिक आमदनी दिखानेवाले केवल 1.72 लाख लोग हैं, जबकि 2.5 लाख रुपये से अधिक आमदनी दिखानेवाले 99 लाख लोग हैं।”

वित्तमंत्री ने कहा, “नोटबंदी के बाद 1.48 करोड़ बैंक खातों में 80 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा हुई है। वित्त वर्ष 2013-14 में 11.38 लाख रुपये का कर राजस्व इकट्ठा किया गया, जिसमें वित्त वर्ष 2014-15 में नौ फीसदी की वृद्धि हुई तथा वित्त वर्ष 2015-16 में 19 फीसदी की वृद्धि हुई। पिछली तीन तिमाहियों में अग्रिम कर वृद्धि दर 34.8 फीसदी रही है। निजी आयकर के अग्रिम कर की वृद्धि दर चालू वित्तवर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 34.8 फीसदी रही है।”

वित्तमंत्री ने कहा कि गरीबों को चिटफंड योजनाओं से बचाने की तत्काल आवश्यकता है, जिसका मसौदा जल्द ही जारी किया जाएगा।

जेटली ने कहा कि एलएनजी पर सीमा शुल्क पांच फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है।

उन्होंने ने अपने बजट भाषण में कहा, “आजादी के 70 सालों बाद भी देश में राजनीतिक चंदे की पारदर्शी प्रणाली नहीं बन पाई है। अब राजनीतिक दल 2,000 रुपये तक का चंदा नकद ले सकेंगे, हालांकि राजनीतिक दलों को चंदे के ोत बताने की जरूरत नहीं है। चुनाव आयोग ने इसका प्रस्ताव किया था। राजनीतिक दल 2,000 रुपये से अधिक का चंदा चेक और डिजिटल भुगतान के माध्यम से ले सकेंगे।”

उन्होंने ग्रामीण भारत पर विशेष जोर देने की बात की और कहा कि अगले पांच सालों में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये ऋण के रूप में दिए जाएंगे, जिसपर 60 दिनों तक कोई ब्याज नहीं लगेगा।

वित्तमंत्री ने आम बजट को सदन पटल पर रखते हुए कहा कि नाबार्ड के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों के लिए अगले तीन सालों में 1900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। किसानों को कृषि उत्पादों की सफाई और पैकेजिंग के लिए 75 लाख रुपये दिए जाएंगे। दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए डेयरी प्रोसेसिंग इंफ्रा फंड स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “मनरेगा (महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना) के लिए अबतक का सर्वाधिक 48,000 करोड़ रुपये जारी किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को 19,000 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2016-17 में 133 किलोमीटर सड़क का प्रतिदिन निर्माण किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 73 किलोमीटर प्रतिदिन था। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 55 फीसदी हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता में 2014 में 42 फीसदी सुधार हुआ था, जो अब बढ़कर 60 फीसदी है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत धन की कमी से जूझ रहे शिशु, किशोर और तरुणों को ऋण मुहैया कराने के लिए 2.44 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। स्टार्ट-अप इंडिया योजना के तहत 16,000 से ज्यादा नए उद्यम स्थापित हुए हैं।

वित्तमंत्री ने बजट भाषण में कहा, “भारत डिजिटल क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। भीम एप को बढ़ावा देने के लिए दो नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। अब तक 125 लाख लोगों ने भीम एप को अपनाया है, साथ ही अतिरिक्त 10 लाख पॉइंट ऑफ सेल मशीनें भी लगाई गई हैं।”

वित्तमंत्री ने कहा, “मुख्य डाकघरों में अब पासपोर्ट सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। सैन्यकर्मियों के लिए केंद्रीकृत सैन्य यात्रा प्रणाली विकसित की गई है, जिससे वे टिकटों की बुकिंग कर पाएंगे। रक्षा मंत्रालय के पूंजीगत खर्च 9.3 फीसदी बढ़ाया गया है। पिछले साल यह 78,000 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 86,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।”

जेटली ने आगे कहा, “2019 तक एक करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य है। इसके लिए पिछले साल 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था, जिसे बढ़ाकर इस वित्त वर्ष में 23,000 करोड़ रुपये किया गया है। ग्रामीण इलाकों में रोजगार और बुनियादी संरचनाएं मुहैया कराई जाएंगी। 2019 तक 50,000 ग्राम पंचायतों को गरीबीमुक्त कर दिया जाएगा।”

वित्तमंत्री ने कहा, “महिलाओं और बच्चों के लिए मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आवंटन 1.56 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.84 लाख करोड़ कर दिया गया है। हमें देश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की जरूरत है, इसके लिए मेडिकल की सीटें बढ़ाई जाएंगी।”

उन्होंने कहा, “झारखंड और गुजरात में दो नए एम्स स्थापित किए जाएंगे। देश को 2025 तक टीबी मुक्त कर दिया जाएगा। शिशु मृत्यु दर 2018 में घटा कर 34 तक और 2019 में 28 तक लाने की योजना है। कालाजार और फाइलेरिया जैसी बीमारियों को 2017 तक और कुष्ठ रोग को 2018 तक और खसरा को 2020 तक खत्म करने की कार्ययोजना बनाई गई है।”

इस साल से रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया है। वित्तमंत्री ने रेलवे के लिए कुल 1,31,000 करोड़ रुपये आवंटित किया है।

वित्तमंत्री ने कहा, “उनका जोर मुख्य रूप से सुरक्षा, स्वच्छता और विकास व लेखा सुधारों पर है। कम से कम 25 रेलवे स्टेशनों को विशेष रूप से विकसित किया जाएगा, 500 रेलवे स्टेशनों को दिव्यांगों के लिहाज से विकसित किया जाएगा। अगले पांच सालों में एक लाख करोड़ रुपये का रेल सुरक्षा फंड बनाया जाएगा। अब आईआरसीटीसी की बुकिंग पर सेवा शुल्क नहीं देना होगा। 2019 तक रेल के सभी डिब्बों में बायोटॉयलेट लगा दिए जाएंगे। मेट्रो रेल की एक नई नीति बनाई जाएगी, जिसमें मुख्य रूप से अभिनव कोष जुटाने पर ध्यान दिया जाएगा।”

वित्तमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गो के लिए 64,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया तथा अन्य बुनियादी संरचनाओं में भारी निवेश की घोषणा की। अवसंरचना क्षेत्र को 3,96 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया। देश को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए 745 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।

वित्तमंत्री ने वित्त वर्ष 2017-18 में एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) को भंग करने का फैसला किया गया है। यातायात क्षेत्र को 2.41 करोड़ रुपये और भारत नेट परियोजना को 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। 50 लाख ग्राम पंचायतों में हाईस्पीड ब्रॉडबैंड और हॉट स्पॉट की सुविधा बहुत कम शुल्क में दी जाएगी। जेटली ने कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए एक कंप्यूटर इमर्जेसी रेस्पांस दल गठित किया जाएगा।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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