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केंद्रीय कर्मियों को 7वें वेतन आयोग का तोहफा, जानिए कब से मिलेगा कितना फायदा

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नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 34 संशोधनों के साथ भत्ते पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। इससे देश के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकारी कर्मचारियों को बढ़ा हुआ भत्ता एक जुलाई से मिलने लगेगा। इसके लागू होने के बाद सरकार पर कुल 30,748 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा।

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, “मंत्रिमंडल ने 34 संशोधनों के साथ भत्ते पर सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। यह एक जुलाई, 2017 से प्रभावी होगा।” मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।

कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की एचआरए और दूसरे भत्तों में बदलाव को मंजूरी दे दी है। सातवें वेतन आयोग से जुड़े अलाउंस के मुद्दे पर कर्मचारियों को इस फैसले का लंबे अर्से से इंतजार था।

एचआरए की नई दरें
एचआरए शुरू में शहर की कैटिगरी के हिसाब से 24,16 और 8 फीसदी रहेंगे। यह 5400, 3600 और 1800 से कम नहीं होंगे। जब डीए 25 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27,18 और 9 फीसदी हो जाएगा और जब डीए 50 फीसदी हो जाएगा तब यह दर 30, 20 और 10 फीसदी हो जाएगा।

कर्मचारियों के भत्ते में सुधार

  • पेंशनधारियों को फ्री मेडिकल भत्ता हर महीने 500 रुपये से ब?ाकर 1000 रुपये किया गया है।
  • रिमोट इलाकों में काम करने वाले कर्मचारियों को स्पेशल कम्पन्सेशन भत्ता की व्यवस्था में सुधार किया गया है।
  • टेक्निकल भत्ता को पुनर्गठित किया गया है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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