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लखवी पर हंगामे से पाकिस्तान की न्याय प्रणाली प्रभावित : बासित

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कोलकाता | भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने बुधवार को कहा कि इस्लामाबाद की एक अदालत द्वारा मुंबई हमला मामले के सरगना जकीउर रहमान लखवी की रिहाई के आदेश पर हंगामे से पाकिस्तान की न्यायिक प्रक्रिया परोक्ष तौर पर प्रभावित हो रही है। कोलकाता में एक संवादमूलक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीते कुछ दशकों में पाकिस्तान बदल गया है और वह न्यायपालिका में विश्वास करने का आह्वान करता है।

बासित ने कहा, “पाकिस्तान में भी अन्य लोकतांत्रिक देशों की तरह ही न्यायिक प्रक्रिया है। अभियोजन पक्ष हर संभव प्रयास कर रहा है। मैं बंदूक में विश्वास करना पसंद नहीं करता।” कोलकाता की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने कहा, “यदि उसे जमानत मिल गई है, फिर हंगामा क्यों बरपा है। सुनवाई बंद नहीं हुई है। हम सुनवाई को जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश करेंगे। हमें संकीर्ण नजरिये से नहीं देखें। बीते दशक में पाकिस्तान काफी बदल गया है।” उन्होंने कहा, “इस तरह हंगामा कर आप परोक्ष तौर पर पाकिस्तान की न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं। न्याय व्यवस्था को अपना काम करने दीजिए, हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।” उल्लेखनीय है कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने लखवी की हिरासत के आदेश पर 13 मार्च को रोक लगा दी थी।

लखवी हालांकि पंजाब प्रांत के गृह मंत्रालय के आदेश पर लगातार हिरासत में है। बासित ने हाल में रिहा किए गए कश्मीरी अलगाववादी नेता मसरत आलम पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, क्योंकि इस बारे में लोगों के विचार अलग-अलग हैं। जैसा कि मुझे मीडिया से पता चला है कि कानूनी परिस्थितियां ऐसी हैं कि उन्हें जेल में नहीं रखा जा सकता।” मसरत को कश्मीर के बारामूला जेल से जम्मू एवं कश्मीर सरकार की उस नीति के तहत रिहा कर दिया गया, जिसमें आपराधिक मामले से मुक्त राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की बात कही गई है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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