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कोयला, खदान विधेयकों में बदलाव के सुझाव नहीं

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नई दिल्ली | कोयला, खदान तथा खनिज विधेयकों पर प्रवर समिति की रपट बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच पेश की गई। समिति ने इन विधेयकों में किसी भी बदलाव की सिफारिश नहीं की है।

हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित हुई। सदन में रपट पेश किए जाने के बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “जिस तरह खदान और कोयला विधेयकों को पारित कराने की कोशिश की जा रही है, हम उसपर अपना विरोध दर्ज कराना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “विधेयकों को प्रवर समिति के बाद स्थायी समिति के पास नहीं भेजा गया। मेरी पार्टी ने कहा था कि हम अगले सत्र के प्रथम सप्ताह में रपट चाहते हैं। लेकिन हमारी पार्टी के सदस्यों और अन्य संबद्ध पक्षों की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया गया है।” आजाद ने कहा कि इसके कारण विधेयक को एक प्रवर समिति के पास भेजने की पूरी कसरत निर्थक हो गई। इसके बाद सदन में कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया और सभापति की आसंदी के पास पहुंच कर नारेबाजी करने लगे।

शोरशराबे के बीच सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और विद्युत एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल को आजाद, दिग्विजय सिंह और अन्य सदस्यों के साथ प्रावधानों पर चर्चा करते देखा गया। संक्षिप्त स्थगन के बाद सदन की बैठक जब दोबारा शुरू हुई तो सामान्य कामकाज हुआ। कोयला विधेयक पर प्रवर समिति की रपट में कहा गया है कि समिति बगैर किसी बदलाव के विधेयक की सिफारिश करती है। रपट में आगे कहा गया है कि समिति के सुझावों को देखा जाना चाहिए। खदान एवं खनिज विधेयक पर समिति की रपट में भी विधेयक के किसी भी खंड में किसी बदलाव की सिफारिश नहीं की गई है। इसमें हालांकि कहा गया है, “विचारार्थ विधेयक में संशोधन के सीमित अधिकार के मद्देनजर समिति यह राय रखती है कि ये मुद्दे इतने महत्वपूर्ण हैं कि इनपर सरकार द्वारा गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।” रपट में कहा गया है, “समिति सिफारिश करती है कि मंत्रालय विचार करे कि ये मुद्दे एमएमडीआर अधिनियम, 1957 में उचित स्तर पर शामिल किए जाएं और उसके तहत प्रासंगिक नियम/कानून बनाए जाएं।”

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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