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महागठबंधन के लिए सभी दलों ने फोटो तो खिंचा ली, लेकिन पीएम उम्मीदवार पर फंसेगा पेंच!
एक समय था जब कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी हुआ करती थी। आजादी के बाद कांग्रेस ने भारत में लंबे समय तक राज किया। लेकिन अब ऐसा वक्त है कि कांग्रेस के पास लोकसभा में लीडर ऑफ अपोजिशन के लिए भी उतनी संख्या में सांसद नहीं है। ये तो हो गई केंद्र की बात। राज्यों में भी कांग्रेस की हालत अच्छी नहीं है।
इसका उदाहरण गोवा के रुप में लिया जा सकता है। गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस वहां सरकार न बना सकी। कांग्रेस भले ही गुजरात चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद राहुल की तारीफ में कसीदे पढ़ रही हो लेकिन वह यह बात भूल गई है कि एंटी इनकंबेंसी के बावजूद भी वहां फिर से भाजपा की ही सरकार है।
हर चुनाव में कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी अब महागठबंधन बनाने की कोशिशों में दिख रही है। हाल ही में कर्नाटक में हुए कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में पूरा विपक्ष एक साथ एक मंच पर दिखा। सभी दलों में जबरदस्त एक जुटता दिख रही थी।
कोई किसे के पांव छू रहा था तो कोई गले लग रहा था। शपथ ग्रहण के बाद से फिर से राजनीतिक गलियारों में कयास लगने शुरु हो गए हैं कि विपक्ष ने 2019 के चुनाव के मद्देनजर तैयारी शुरु कर दी है। लेकिन यह तैयारी एक चीज पर आ कर रुक जाती है। वह है प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार। पिछले दिनों अखिलेश यादव मुलायम सिंह को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की वकालत कर चुके हैं।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। महागठबंधन में पीएम पद के उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त है। मायावती, चंद्रबाबू नायडू भी अपनी उम्मीदवारी पेश कर सकते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि सभी विपक्षी दल एकजुट होते तो दिख रहे हैं लेकिन पीएम उम्मीदवार के लिए क्या यह एकजुटता कायम रह पाएगी?
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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