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हफ्ते में 12 अंडे तक खाने से मधुमेह के मरीजों को कोई खतरा नहीं

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अंडों में कोलेस्टेरोल का स्तर अधिक पाया जाता है, जिसकी वजह से मधुमेह के मरीजों को आमतौर पर अंडे से बचने की सलाह दी जाती है। पर अब घबराने की जरुरत नहीं है। एक नए शोध से पता चला है कि मधुमेह के मरीज बेहचिक अंडे खा सकते हैं।

मधुमेह के मरीज अब रोजाना बेहिचक अंडे खा सकते हैं और ऐसा करने में उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला है। एक नए शोध में पता चला है कि हफ्ते में 12 अंडे तक खाने से मधुमेह की पूर्व अवस्था वाले अथवा टाइप टू डायबटिज वाले मरीजों को दिल की बीमारियों का कोई खतरा नहीं है।

अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक शोध के हवाले से बताया गया है कि अंडों का रक्त के कोलेस्टेरोल के स्तर पर कोई असर नहीं पड़ता है।

इस शोध के सह लेखक और सिडनी विश्वविद्यालय के निकोलस फुलर ने कहा, “मधुमेह की पूर्व अवस्था और टाइप-2 मधुमेह के मरीजों के लिए अंडे खाने के सुरक्षित स्तर के बारे में सलाह में मतभेद के बावजूद हमारा शोध इंगित करता है कि अगर अंडे आपके खानपान की शैली का हिस्सा हैं, तो इन्हें खाने से परहेज मत करिए।”

उन्होंने कहा कि इस शोध में संतृप्त वसा अम्ल जैसे मक्खन के स्थान पर एकल संतृप्त वसा अम्ल खासकर एवोकेडो तथा आलिव ऑयल अपनाने की सलाह दी गई है।

उन्होंने कहा कि अंडे प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों को अच्छा साधन हैं और इनके खाने से अनेक फायदे होते हैं, जो आंखों तथा दिल की सेहत के लिए अच्छे तो हैं ही, ये रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में भी मददगार हैं और गर्भावस्था में इन्हें खाने की सलाह दी जाती है।

भारत में पिछले पांच वर्षों में मधुमेह पीड़ितों की संख्या 69. 2 से मिलियन से भी ज्यादा हुई । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि अंतराष्ट्रीय मधुमेह संघ (आईडीएफ) के मुताबिक भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या वर्ष 2011, 2013 और 2015 में क्रमश 61.3 मिलियन, 65. 1 मिलियन और 69. 2 मिलियन थी।

इनपुट आईएएनएस

 

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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