अन्तर्राष्ट्रीय
कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी का कारोबार बंद, इस कंपनी पर है डेटा चोरी का आरोप
लंदन बेस्ड कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने कंपनी को बंद करने की घोषणा की है। कैंब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक से डाटा चोरी कर उसका चुनाव अभियान में गलत इस्तेमाल करने का आरोप है। कैंब्रिज एनालिटिका पॉलिटिकल कंसल्टेंसी कंपनी है।
The London-based analytics company #CambridgeAnalytica is shutting down operations effective Wednesday, following the massive #Facebook data breach scandal
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— ANI Digital (@ani_digital) May 2, 2018
कैंब्रिज एनालिटिका ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि कंपनी ने किसी भी तरह के गलत काम नहीं किया है। पर जब से यह आरोप लगे हैं तब से कंपनी के क्लाइंट्स का कंपनी पर विश्वास कम हो गया और वे सभी साथ छोड़ चले गए, इसमें निगेटिव मीडिया कवरेज का बड़ा हाथ है।
फेसबुक ने कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप लगाया था कि करीब 8.70 करोड़ लोगों के डेटा तक एक ऐप से पहुंच बनाई गई। बाद में इसे एक राजनीतिक सलाह देने वाली कंपनी को दे दिया गया। सोशल नेटवर्किंग साइट ने ये भी कहा कि उनकी खुद की जांच जारी रहेगी। बीबीसी के मुताबिक, फेसबुक का कहना है इस मामले में उनकी जांच जारी रहेगी।
फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, “इससे असल में क्या हुआ था, यह समझने के लिए हमारी प्रतिबद्धता और दृढ़ता में कोई बदलाव नहीं होगा और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटना दोबारा नहीं हो।”
उन्होंने कहा, “हम जांच के लिए संबद्ध प्रशासन के साथ सहयोग देना जारी रखेंगे।”
कैम्ब्रिज एनालिटिका के प्रवक्ता क्लेंरेस मिशेल ने अपनी वेबसाइट पर जारी बयान में बीबीसी का उल्लेख करते हुए कहा, “पिछले कई महीनों में कैम्ब्रिज एनालिटिका पर कई तरह के आरोप लगे हैं और कंपनी अपने रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के प्रयासों के बावजूद उन गतिविधियों को लेकर बदनामी झेल रही है, जो न सिर्फ वैध हैं बल्कि राजनीतिक और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में ऑनलाइन विज्ञापन के घटक के रूप में स्वीकार्य भी है।”
बयान के मुताबिक, “कैम्ब्रिज एनालिटिका के इस विश्वास के साथ कि उनके कर्मचारियों ने नैतिकता और वैधता के साथ काम किया है, इस तरह की नकारात्मक मीडिया कवरेज से कंपनी के ग्राहक और सप्लायर्स हमसे दूर चले गए। परिणामस्वरूप, हम अधिक समय तक कारोबार जारी नहीं रख सकते।”
बयान में यह भी कहा गया कि कैम्ब्रिज एनालिटिका की पेरेंट कंपनी एससीएल इलेक्शंस दिवालिया हो गई है और उसकी दिवालिया प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गौरतलब है कि कैंब्रिज एनालिटिका पर भारत समेत विश्व के कई देशों के चुनाव अभियान को प्रभावित करने का आरोप लग चुका है।
अन्तर्राष्ट्रीय
भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे
नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।
रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।
आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।
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