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अन्तर्राष्ट्रीय

इस लड़के ने गैराज से शुरू किया था कपड़ों का बिजनेस, सिर्फ एक साल में कमाए थे 9 करोड़ रुपए

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जिस उम्र ज्यादातर लड़के ये भी नहीं सोचते कि वो अपनी लाइफ में क्या करना चाहते हैं उस उम्र में इस लड़के ने वो काम कर दिखाया है, जिसका ज्यादातर लोग सिर्फ सपना ही देख पाते हैं।

इस लड़के का नाम है डिल्लन भारद्वाज जो मात्र 16 वर्ष की उम्र में करोड़पति बन गया था। ये इन दिनों इंग्लैंड के एक रियलिटी टीवी शो में हिस्सा लेने के कारण सुर्ख़ियों में छाए हुए हैं।

What a beautiful day ??☀️. #rolls #rollsroyce

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ख़बरों के मुताबिक, वो शो के लिए वार्लिंघम में एक महिला और उसके 5 बच्चों के साथ रह रहे हैं, जिन्हें रोज का खाना जुटाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने शो के दौरान कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब उन्होंने गरीबी इतने पास से देखी हो।

21 साल के ढिल्लन ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वे 16 साल की उम्र में करोड़पति बन गए थे। उन्होंने घर के गैराज से ही कपड़ों की डिजाइनिंग का काम शुरू किया था, जो हिट साबित हुआ। इसकी बदौलत वे एक ही साल में क्लोथिंग चेन Ratchet के ओनर बन गए और उन्होंने पहले ही साल में करीब 9 करोड़ रुपए की कमाई की।

उनके क्लोथिंग लाइन की ड्रेस रिहाना और माइली साइरस जैसे स्टार पहन चुके हैं। इस कामयाबी के साथ उनकी लाइफस्टाइल भी बदल गई। आज ढिल्लन 42 एकड़ के बंगले में रहते हैं। उनके बंगले में 5 लिविंग रूम से लेकर तीन किचन, एक टेनिस कोर्ट, सिनेमा, जिम और 20 बेडरूम्स से लेकर बहुत कुछ है।

यही नहीं, उनके पास करीब 20 लग्जरी कार है। इसमें रॉल्स रॉयस से लेकर, फरारी, लैम्बोर्गिनी और बीएमडब्ल्यू तक शामिल हैं। आज ढिल्लन की लॉन्ग ईटन, ब्रॉडमार्श सेन्टर और शेफील्ड में शॉप्स हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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