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मजदूर दिवस : नींद की गोली नहीं मेहनत की थकान के नशे से सो जाते हैं ये मज़दूर

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आज मजदूर दिवस #LabourDay (1 मई) है। आप सभी को मजदूर दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं। मजदूर दिवस मनाने का सिलसिला #MayDay 1 मई सन 1886 को शुरू हुआ जब अमेरिका के मजदूर संघों ने यह तय किया कि अब वे आठ घंटे से अधिक काम नहीं करेंगे। अपनी बात बनवाने के लिए एक हड़ताल की गई और उस हड़ताल को रोकने के लिए सरकार ने वो सभी काम किए जो उन्हें नहीं करना था। गोलियां चलीं, विस्फोट हुआ, कई मजदूर शहीद हुए। इस नाइंसाफी की याद में 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। आज का दिन मजदूरों का होता है, वो छुट्टी मनाते हैं।

सब्जी मंडी में अपना काम करता हुआ एक #LabourDay मजदूर

भारत के अलावा दुनिया के 80 देशों में अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस #MayDay पर राष्ट्रीय अवकाश होता है। भारत में मजदूर दिवस #MayDay कामकाजी लोगों के सम्‍मान में मनाया जाता है। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्‍दुस्‍तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी। हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था।

आज मजदूर दिवस #LabourDay (1 मई) है। आप सभी को मजदूर दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।

अब आपके लिए पेश हैं कुछ शेर और गजलें, पढ़ें और देश के मजदूरों के हालातों को इन शेर और गजलों के माध्यम से महसूस करें….

मैं कि एक मेहनत-कश मैं कि तीरगी-दुश्मन
सुब्ह-ए-नौ इबारत है मेरे मुस्कुराने से

मजरूह सुल्तानपुरी

सो जाते हैं फ़ुटपाथ पे अख़बार बिछा कर
मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाते

मुनव्वर राना

मैं इक मज़दूर हूँ रोटी की ख़ातिर बोझ उठाता हूँ
मिरी क़िस्मत है बार-ए-हुक्मरानी पुश्त पर रखना

एहतिशामुल हक़ सिद्दीक़ी

होने दो चराग़ाँ महलों में क्या हम को अगर दीवाली है
मज़दूर हैं हम मज़दूर हैं हम मज़दूर की दुनिया काली है

जमील मज़हरी

कुचल कुचल के न फ़ुटपाथ को चलो इतना
यहाँ पे रात को मज़दूर ख़्वाब देखते हैं

अहमद सलमान

ख़ून मज़दूर का मिलता जो न तामीरों में
न हवेली न महल और न कोई घर होता

हैदर अली जाफ़री

ज़िंदगी अब इस क़दर सफ़्फ़ाक हो जाएगी क्या
भूक ही मज़दूर की ख़ूराक हो जाएगी क्या

रज़ा मौरान्वी

सरों पे ओढ़ के मज़दूर धूप की चादर
ख़ुद अपने सर पे उसे साएबाँ समझने लगे

शारिब मौरान्वी

मिल मालिक के कुत्ते भी चर्बीले हैं
लेकिन मज़दूरों के चेहरे पीले हैं

तनवीर सिप्रा

मेहनत कर के हम तो आख़िर भूके भी सो जाएँगे
या मौला तू बरकत रखना बच्चों की गुड़-धानी में

विलास पंडित मुसाफ़िर

लोगों ने आराम किया और छुट्टी पूरी की
यकुम मई को भी मज़दूरों ने मज़दूरी की

अफ़ज़ल ख़ान

साभार :— रेख्ता  

Labour Day May Day International Workers Day Labour Day May 1

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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