Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

कपास किसानों को आमदनी बढ़ाने के गुर सिखाएगी सीएआई

Published

on

Loading

वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के तहत कपास किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे प्रशिक्षित किसान कपास की अच्छी खेती कर उत्पादकता बढ़ा सकेगा और इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

कपास किसानों को प्रशिक्षण उद्योग संगठन कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) देगा। सीएआई कपास उत्पादकों के प्रशिक्षण पर अगले पांच साल में 1.25 करोड़ रुपए खर्च करेगा।

सीएआई अध्यक्ष अतुल गंतरा का कहना है कि किसानों को प्रशिक्षित करने से कपास की उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

अतुल गंतरा ने बताया कि कपास उत्पादकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था एसोसिएशन के मुंबई स्थित कार्यालय भवन में की गई है और प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन इस माह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस करेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण केंद्र खोलने की सूचना देते हुए एसोसिएशन की ओर से महाराष्ट्र के राज्य कृषि लागत मूल्य आयोग के प्रमुख पाशा पटेल को एक पत्र भेजा गया है और मुख्यमंत्री से इसका उद्घाटन करने का आग्रह किया गया है।

प्रशिक्षण केंद्र खोलने के उद्देश्य पर अतुल गंतरा ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया है। जाहिर है कि कपास बेहतर दाम दिलाने वाली फसल है जिसकी खेती से आगामी वर्षों में किसानों की आमदनी बढ़ सकती है। मगर पिंकबॉल वर्म के हमले से फसल नष्ट हो जाती है और यह किसानों के लिए घाटे का सौदा बन जाता है। प्रशिक्षण मिलने से कपास उत्पादक पिंकबॉल वर्म के प्रकोप से बचाव करने में समर्थ होंगे और नुकसान से बचेंगे।”

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान किसानों को फसल लगाने से लेकर और खेतों से कपास के डंठल यानी कॉटन स्ट्रॉ निकालने तक की पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि कब क्या करना है।

अतुल गंतरा ने कहा, “विशेषज्ञ उन्हें बताएंगे कि कब कपास की फसल लगानी चाहिए। दरअसल, किसान मानसून-पूर्व बारिश में ही कपास की बोवाई शुरू कर देते हैं जिससे नुकसान होता है। किसानों को मानसून उतर जाने पर ही बोवाई शुरू करनी चाहिए। उसके बाद कीटों के हमले के दौरान बचाव के तरीके बताए जाएंगे। फिर उन्हें यह बताया जाएगा कि कितनी बार कपास की पिकिंग करनी है।”

पिकिंग का अर्थ पौधे से कपास पिंड (कॉटन बॉल) को तोड़ने से है। कभी-कभी किसानों दो से तीन या उससे भी अधिक पिंकिंग लेते है जिससे पिंकबॉल वर्म का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए दो पिकिंग के बाद डंटल को खेतों से निकाल देना बेहतर होता है।

गौरतलब है कि कपास सीजन 2017-18 (अक्टूबर.सितंबर) में पिंकबॉल वर्म के हमले के कारण महराष्ट्र और तेलंगाना में कपास की फसल नष्ट होने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।

अतुल गंतरा ने कहा, “विशेषज्ञ किसानों को बताएंगे कि दो पौधों के बीच कितनी दूरी होनी चाहिए। इसके अलावा कपास की खेती से संबंधित अन्य तकनीक की भी जानकारी दी जाएगी।”

गंतरा ने कहा कि किसानों को ऐसी तकनीक बताने की जरूरत है कि उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो।

अतुल गंतरा ने कहा, “हमारी यह योजना मोदी सरकार के संकल्प से प्रेरित है। सरकार ने पांच साल में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। हमने भी किसानों के प्रशिक्षण के लिए पांच साल की अवधि तय की है। हर साल कपास उत्पादकों के प्रशिक्षण पर एसोसिएशन 25 लाख रुपए खर्च करेगा। इसका उद्देश्य सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में सहायक बनकर किसानों की आमदनी बढ़ाना है।”

उन्होंने कहा कि कपास उत्पादकों को उचित प्रशिक्षण मिलने से निस्संदेह उनकी आमदनी अगामी वर्षों में दोगुनी होगी क्योंकि भारतीय रूई का बाजार दुनियाभर में है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक है मगर रूई के निर्यात में अव्वल अमेरिका है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

Published

on

Loading

नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

Continue Reading

Trending