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90 के दशक का सबसे बड़ा घोटालेबाज, जिसने किया था 5 हजार करोड़ का घोटाला

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90 के दशक का सबसे बड़ा घोटालेबाज, जिसने किया था 5 हजार करोड़ का घोटाला

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मुंबई। अगर आप क्राइम और वित्तीय विषयों पर आधारित वेब सीरीज़ देखने के शौकीन हैं तो आप के लिए एक अच्छी ख़बर है। ‘शाहिद’,  ‘ओमर्टा’ और ‘अलीगढ़’ जैसी रियल लाइफ स्टोरीज़ पर फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर हंसल मेहता आपके लिए हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित एक वेब सीरीज लेकर आ रहें है। ये सीरीज 1992 में बॉम्बे शेयर बाज़ार में हुए घोटालों और उसके आरोपी हर्षद महता के जीवन पर आधारित होगी।

90 के दशक का सबसे बड़ा घोटालेबाज, जिसने किया था 5 हजार करोड़ का घोटाला

ये कहानी है हर्षद मेहता की। जो राजकोट में पैदा हुआ और रायपुर में बड़ा हुआ। हर्षद मेहता का पूरा नाम हर्षद शांतिलाल मेहता था। जो बचपन से ही बहुत महत्वाकांक्षी था। बड़े होकर ये बॉम्बे शेयर बाज़ार का बेताज बादशाह बन गया। शेयर बाज़ार की दलाल स्ट्रीट का सुल्तान कहे जाने वाले हर्षद मेहता का एक ज़माने में सिक्का चलता था।

किसी स्टार की तरह इन्वेस्टर्स उसके पीछे-पीछे चलते थे और उसके इशारे पर ही काम करते था। लेकिन वक्त अच्छा हो या बुरा एक सा नहीं रहता। हर्षद मेहता का भी समय बदला और हर्षद मेहता जेल के पीछे था। 1992 में एक खबर आई कि हर्षद मेहता ने बैंकिंग सिस्टम की कमियों का फायदा उठा कर करोड़ों रूपए गायब कर शेयर बाज़ार में लगा दिए।

90 के दशक का सबसे बड़ा घोटालेबाज, जिसने किया था 5 हजार करोड़ का घोटाला

उन करोड़ों की कीमत थी 4999 करोड़। 1992 में करीब पांच हज़ार करोड़ तो आज के दौर में कितना हुआ आप अंदाज़ा लगा सकतें हैं। हर्षद महता पर 70 धाराओं के तहत मुक़दमा चला और फिर 31 दिसम्बर 2001 को मुंबई जेल में ही उनकी मौत हो गई।

1992 का शेयर बाज़ार घोटला काफी प्रसिद्ध है। इस घोटाले को अकेले हर्षद मेहता ने अंजाम दिया था। उनके 5000 करोड़ के घोटाले का खुलासा टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक पत्रकार सुचेता दलाल ने किया था। सुचेता दलाल ने ही इस पूरे केस पर देबाशीष बासु से मिलकर ‘द स्कैम’  नाम से एक किताब लिखी थी।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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