Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

पश्चिम बंगाल : तृणमूल व भाजपा ने जोरदार तरीके से मनाई रामनवमी

Published

on

Loading

कोलकाता, 25 मार्च (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) व मुख्य विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस साल रामनवमी की तैयारियों को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी।

यही कारण है कि रामनवमी का पर्व रविवार को राज्य में बड़े स्तर पर मनाया गया। तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने रामनवमी के पर्व को लोगों के बीच सौहार्द का प्रतीक बताया, जबकि भाजपा व राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने पर्व में सत्तारूढ़ पार्टी की भागीदारी को हिंदुओं व हिंदुत्व एजेंडे की जीत बताया है।

भाजपा ने दावा किया कि बंगाल में रामनवमी सामाजिक त्योहार बन गया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि त्योहार को बड़े पैमाने पर मनाया जाना उनके हिंदुत्व एजेंडे की जीत है।

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस द्वारा रामनवमी पर निकाली जाने वाली रैलियों का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को आखिरकार अपना शीश झुकाना पड़ा और बंगाल में हिंदू आबादी के महत्व को स्वीकार करना पड़ा।

सिन्हा ने हुगली जिले के चिनसुरह में एक रैली में भाग लिया। उन्होंने आईएएनएस से कहा, यह भाजपा व इसके हिंदुत्व एजेंडे के लिए एक बड़ी जीत है। यह महत्वपूर्ण है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने राज्य में हिंदू आबादी के सामने अपना सिर झुका दिया। हम इसका स्वागत करते हैं। यह भगवान राम व रामनवमी की विजय है।

सिन्हा ने कहा कि हालांकि भाजपा किसी रैली का आयोजन नहीं कर रही है। इसके राज्य के सभी वरिष्ठ नेता विश्व हिंदू परिषद व हिंदू जागरण मंच के जुलूस में भाग ले रहे हैं।

संघ से सबद्ध संगठनों द्वारा कोलकाता में छह प्रमुख रामनवमी रैलियां निकाली जा रही हैं। उत्तरी कोलकाता के सोवा बाजार से निकलने वाली रैली के सबसे बड़ी होने की उम्मीद जताई जा रही है।

राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष पश्चिमी मिदनापुर के खड़गपुर में एक रैली में तलवार लहराते देखे गए। उन्होंने कहा कि हथियारों के साथ रैलियां इलाके में शाम को निकाली जाएंगी और दावा किया कि इन रैलियों में बहुत सारे लोगों का भाग लेने देश के ‘रामराज्य’ की तरफ बढ़ने को दिखाता है।

घोष ने कहा, खड़गपुर में सशस्त्र रैली निकाली जाएगी। मैं भी अपने साथ हथियार रखूंगा। यहां हथियारबंद रैली निकालने की पुरानी परंपरा रही है। यह जारी रहेगी। ऐसा लगता है कि हम ‘रामराज्य’ की तरफ बढ़ रहे है। जो ऐसा नहीं चाहते थे, वह भी अब ऐसा चाहते हैं। मुझे भरोसा है कि अयोध्या में राम मंदिर भी बनेगा।

बीते साल तृणमूल कांग्रेस से भाजापा में शामिल हुए नेता मुकुल रॉय को भी उत्तर 24 परगना जिले के न्यूटाउन इलाके में रैली की अगुवाई करते देखा गया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लोगों को रामनवमी की बधाई दी।

राज्य के बॉयोटेक्नॉलाजी व सांख्यिकी मंत्री आशीष बनर्जी ने रामपुरहट के बीरभूम जिले में एक रंगारंग जुलूस निकाला, जिसमें नृत्य करने वालों ने राम व सीता का वेश धारण किया था।

Continue Reading

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending