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अन्तर्राष्ट्रीय

सांपों से दोस्ती के लिए मशहूर हुसैन की कोबरा के काटने से मौत

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कुआलालंपुर। सांपों से अपनी दोस्ती के लिए मशहूर मलेशिया के फायरमैन अबु जरीन हुसैन की कोबरा के काटने के बाद मौत हो गई है। सोशल मीडिया पर सांपों को किस करते हुए उनकी कई तस्वीरें वायरल हुई थीं।

अबु जरीन हुसैन सोमवार को एक जंगली कोबरा पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। तभी उन्‍हें  सांप ने काट लिया था। घटना के चार दिन बाद हुसैन ने दम तोड़ दिया था। मलेशिया के फहंग स्टेट के रहने वाले 33 साल के हुसैन कोबरा के डस लेने के बाद अस्पताल में थे। जिस जंगली कोबरा ने उन्हें डसा था, उसके बारे मे कहा जाता है कि उसके एक बार डसने से हाथी भी मर जाए।

सांपों को पकड़ लेने और उन्हें दोस्त बना लेने के हुनर में माहिर में थे हुसैन। हुसैन को मलेशिया में एक सेलेब्रिटी जैसा दर्जा मिला था। हुसैन ने सांपों को काबू करना अपने पिता से सीखा था। 2007 से वो मलेशिया के फहंग स्टेट में दूसरे फायरफाइटर्स को सांप पकड़ने की ट्रेनिंग दे रहे थे। तीन साल पबले भी कोबरा के डस लेने के बाद वो दो दिन कोमा में रहे थे, लेकिन तब उनकी जान बच गई थी। उनका अंतिम संस्कार उनके गृहनगर केलनटन में होगा।

दो साल पहले वो तब चर्चा में आए थे, जब उनके अपने पालतू सांप से शादी कर लेने की खबर आई थी। नवंबर 2016 में कुछ अखबारों में ये खबर छपी थी कि हुसैन ने सांप से शादी कर ली है। ऐसा कहा जा रहा था कि सांप के रूप में उनकी गर्लफ्रेंड का पुनर्जन्म हुआ है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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