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अन्तर्राष्ट्रीय

अब पूर्व पीएम शरीफ से पॉलिटिक्स सीखेगा आतंकी हाफिज सईद

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लाहौर। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय द्वारा ‘वर्जित संस्थाओं की शाखाओं के राजनीति में प्रवेश को लेकर विरोध’ के बावजूद जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद ने अपनी पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) का दफ्तर यहां खोल लिया है। इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि आतंकी हाफिज सईद, पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ से पॉलिटिक्स का ककहरा सीखेगा।

गृह मंत्रालय ने एमएमएल के एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकरण का विरोध किया है और इसे ‘प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) व जेयूडी की शाखा बताया है।’ खास बात यह है कि सईद ने नवाज शरीफ के संसदीय क्षेत्र में अपना राजनीतिक ऑफिस खोला है।

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को 2008 के मुंबई हमलों का जिम्मेदार माना जाता है। सईद ने रविवार को नेशनल एसेंबली निर्वाचन क्षेत्र (एनए-120) लाहौर सीट के विभिन्न इलाकों का दौरा किया। लाहौर सीट से नवाज शरीफ और उनके परिवार ने 1985 में अपनी राजनीति की शुरुआत की। शरीफ परिवार इस सीट से कभी चुनाव नहीं हारा।

डॉन आनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, हाफिज सईद के समर्थकों ने कसूरपुरा, चौधरी पार्क व आउटफालल रोड पर गुलाब की पंखुडियों की बारिश कर उसका स्वागत किया। उसने मोहनी रोड पर एमएनएल के दफ्तर का उद्घाटन किया और इलाके के लोगों की समस्याएं सुनीं।

एमएमएल सितम्बर में एनए-120 के उपचुनावों के दौरान सामने आई थी और इसने उपचुनावों में चौथा स्थान हासिल किया था। एमएमएल का पाकिस्तान निर्वाचन आयोग में अभी पंजीकरण कराया जाना बाकी है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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