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‘पद्मावती’को प्रतिबंधित करने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

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 फिल्म पर मप्र में प्रतिबंध, राजपूतों को अमरिंदर का समर्थन

नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को विवादस्पद फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज को प्रतिबंधित करने संबंधी याचिका खारिज कर दी और कहा कि यह अपरिपक्व है और यह मामले की पहले ही जांच करने की तरह होगा। प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने यह टिप्पणी तब की जब उन्हें बताया गया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा इस फिल्म को अभी हरी झंडी नहीं दी गई है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, “पद्मावती को सीबीएफसी से अभी भी प्रमाणित नहीं किया गया है। इसमें हमारा हस्तक्षेप इस मामले की पहले ही जांच के बराबर होगा। हमारा ऐसा करने का इरादा नहीं है। न्यायालय ने यह आदेश वकील एम.एम.शर्मा द्वारा फिल्म से आपत्तिजनक दृश्य हटाए जाने तक इसे प्रतिबंधित करने संबंधित याचिका पर दिया। शर्मा ने फिल्म निर्देशक भंसाली के खिलाफ आपराधिक मामल दर्ज करने की भी मांग की थी।

संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर सेंसर बोर्ड फिल्म को पास भी कर देती है, तब भी राज्य में यह रिलीज नहीं होगी, जबकि पंजाब के उनके समकक्ष अमरिंदर सिंह ने राजपूतों की आपत्तियों का समर्थन किया है। चौहान ने भोपाल में एक कार्यक्रम में ऐलान किया कि फिल्म में ‘इतिहास के साथ छेड़छाड़’ हुई है और इसे राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म को लेकर विरोध करना राजपूत समुदाय का अधिकार है, क्योंकि यह ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ है, जिसे कोई भी स्वीकार नहीं करेगा।

चौहान ने कहा, “ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर राष्ट्रमाता पद्मावती जी के सम्मान के खिलाफ जो दृश्य दिखाए जाने की बात कही गई है.. तो मध्य प्रदेश की धरती पर फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा।” उन्होंने कहा, “मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि देश की जनता और मध्य प्रदेश के लोग अपने अभिमान का अपमान स्वीकार नहीं कर सकते।”  मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अपमान असहनीय है।  राजपूत समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चौहान से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने यह ऐलान किया।  अमरिंदर सिंह ने अपने बयान में कहा, “कुछ भी ऐतिहासिक है तो ..कोई भी विरोध नहीं करेगा, लेकिन यहां वे ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं चित्तौड़ जाकर वापस आया हूं और मैंने वहां सारी चीजें देखीं..तो यह इतिहास के साथ छेड़छाड़ है और कोई इसे स्वीकार नहीं करेगा और अगर समुदाय इसका विरोध कर रही है तो विरोध करना उनका अधिकार है।”  फिल्म पहले एक दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसकी रिलीज को टाल दिया गया है।  उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा कि जब तक फिल्म से विवादित दृश्य नहीं हटाए जाते, तब तक इसे राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।  यहां तक कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ‘पद्मावती’ आवश्यक परिवर्तन किए बिना रिलीज नहीं हो।  कुछ हिंदू संगठनों के साथ मुख्य रूप से करणी सेना इस फिल्म का विरोध कर रही है।  फिल्म ‘पद्मावती’ में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह मुख्य भूमिकाओं में हैं।

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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