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लोगों के बीच कायम है पीएम मोदी का जलवा, सर्वे में हुआ खुलासा

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 में पद संभालने के बाद से उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है और 70 प्रतिशत भारतीय अभी भी देश में हो रहे कार्य से ‘संतुष्ट’ हैं। 2,464 लोगों पर हुए सर्वेक्षण से इस बारे में पता चला। ऐसे सर्वेक्षण की आखिर जरूरत क्यों आन पड़ी, इसका जवाब हालांकि किसी के पास नहीं है।

सर्वे इस वर्ष 21 फरवरी से 10 मार्च के बीच 2,464 लोगों पर किया गया था जिसमें 90 प्रतिशत भारतीय ने 2015 में उनके पद ग्रहण करने के बाद तुलना के आधार पर मोदी के पक्ष में अपना मत दिया। इनमें से लगभग 70 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के बारे में काफी सकारात्मक राय रखते हैं।

सर्वे के अनुसार, वर्ष 2015 से उत्तरी क्षेत्र में मोदी की लोकप्रियता में कोई बदलाव नहीं आया है, वहीं पश्चिम क्षेत्र में इसमें वृद्धि हुई है और पूर्वी क्षेत्र में इसमें थोड़ी कमी आई है। सर्वे के अनुसार, देश में जिस तरह से चीजें हो रही हैं, 70 प्रतिशत भारतीय इससे संतुष्ट हैं। इस सर्वे में जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल और पूरे पूर्वोत्तर को शामिल नहीं किया गया है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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