नेशनल
जन्मदिन विशेष: क्या आप जानते है राष्ट्रपति कोविंद की ये दस खूबियां
आज भारत के राष्ट्रपति कोविंद का जन्मदिन है उनके जन्मदिन पर लोग लगातार उन्हें ट्विटर पर ढेरों बधाइयां दे रहे है। रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई को इस देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वैसे तो उनके शांत व मिलनसार स्वभाव से हर कोई परिचित है लेकिन उनकी कुछ खूबियां ऐसी भी है जो लोगों के लिए हमेशा से प्रेरणादायक रही है।
तो आइये बताते है आपको राष्ट्रपति कोविंद से जुडी कुछ अहम बातें-
- 1 अक्टूबर 1945 को यूपी के कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में जन्मे कोविंद ने अपने करियर की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के वकील के तौर पर की थी।
- इसके बाद वे 1977 में तत्कालीन पीएम रहे मोरारजी देसाई के पर्सनल सेक्रेटरी बने। वे 2 बार सांसद का चुनाव भी लड़े, लेकिन हार गए। परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।
- कोविंद के गाँव परोंख से लेकर उनके खुद के मित्र तक उनके मिलनसार स्वभाव का गुणगान करते रहते है
- रामनाथ को बचपन से ही टीप मारने और आंख मिचौली वाला खेल बहुत पसंद हुआ करता था। वे अक्सर स्कूल में इंटरवल के समय दोस्तों के साथ यही खेल खेलते थे। उनके एक दोस्त उनक जिक्र करते हुए कहते है कि कई बार कोविंद को जब बहुत तेज टीप पड़ती थी तो वे शांत हो जाया करते थे, लेकिन उसके कुछ देर बाद वे फिर से खेलने लगते थे।
- लुकाछिपी के साथ-साथ कोविंद और उनके साथी गेंदताड़ी भी खेलते थे, लेकिन उनके एक दोस्त बताते है कि रुपए न होने के कारण अक्सर वे और उनके साथी कपड़े की गेंद से खेल लिया करते थे। कोविंद के दोस्त का कहना है कि, ”कपड़े की गेंद होने की वजह से हम सब बहुत जोर लगाकर एक दूसरे को गेंद मारते थे। एक बार तो रामनाथ ने मेरे मुंह पर गेंद मारी, जिससे चेहरा लाल हो गया। जब मैं घर आया तो इस बारे में पूछा गया। इसके बाद घरवालों ने कोविंद को डांटा कि ऐसा नहीं करते हैं।”
- जब रामनाथ पहली बार राज्यसभा मेंबर बने थे तो उनका सम्मान करने के लिए गांववालों ने पखौरा गांव में एक प्रोग्राम किया था जिसमें कोविंद भी पहुंचे थे। ”कोविंद को उनके वजन के बराबर तौलने के लिए गांववालों ने 1-1 रुपए के 81 किलो सिक्के इकट्ठा किए थे।
- साथ ही चांदी के 11 मुकुट और सोने का 1 मुकुट रखा गया था। लेकिन जब उन्हें पता चला तो उन्होंने खुद को तौलने से और मुकुट लेने से मना कर दिया।”
- ‘ ‘साथ ही गांव के 4 मेंबर्स की एक समिति बना दी, ताकि चांदी और सोने के मुकुट को बेचकर जो पैसा इकट्ठा हो, उसे गांव की गरीब बेटियों की शादी में खर्च किया जा सके।”
नेशनल
15 दिन की पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आए पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह, समर्थकों ने किया स्वागत
पटना। पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह रविवार को पटना की बेऊर जेल से बाहर निकल गये हैं। गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अनंत सिंह को जेल से 15 दिनों की पैरोल मिली है। वह सुबह लगभग 4:00 बजे जेल से बाहर निकले।आनंद सिंह के जेल से बाहर निकलने की सूचना के साथ ही उनके समर्थकों में काफी उत्साह का माहौल है। अनंत सिंह लगभग 5 वर्षों से जेल में बंद है। अनंत सिंह पर एके 47 रखने का आरोप है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। तब से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेउर जेल में सजायाफ्ता बंदी के रूप में सजा काट रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक़ आपसी पारिवारिक बंटवारे को लेकर अनंत सिंह ने न्यायालय में कोर्ट से पैरोल पर इसके लिए आदेश मांगा था। पेरोल पर आदेश मिलने के बाद आनंद सिंह को लेकर गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया था। रविवार की अहले सुबह जब अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर बेउर जेल से बाहर निकाला जा रहा था, उस समय जेल के बाहरी एवं भीतरी सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त कर दिया गया था।
-
लाइफ स्टाइल9 hours ago
थका-थका रहता है शरीर, ये हो सकता है कारण; जानें उपाय
-
आध्यात्म1 day ago
नौकरी में चाहिए प्रमोशन तो अपनाएं ज्योतिष के ये उपाय
-
नेशनल2 days ago
रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना
-
नेशनल3 days ago
सपा ने उम्मीदवारों की एक और लिस्ट की जारी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को फतेहपुर से टिकट
-
नेशनल3 days ago
कैंसर से जूझ रहे सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान का निधन, लखनऊ के अस्पताल में ली अंतिम सांस
-
नेशनल2 days ago
अमेठी से राहुल गांधी के न लड़ने पर आया स्मृति ईरानी का बयान, कही ये बात
-
नेशनल3 days ago
प्रचार के लिए निकलने से पहले क्रैश हुआ उद्धव गुट की नेता सुषमा अंधारे का हेलीकाप्टर, बाल-बाल बची जान
-
नेशनल1 day ago
प्रियंका का पीएम मोदी पर पलटवार, कहा- मेरा भाई 4 हजार किमी पैदल चला, तब आप अपने महल में थे