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रेयान स्कूल के मालिकों पर गिरेगी गाज, हाईकोर्ट ने दिया झटका

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चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रद्युम्न ठाकुर हत्या मामले में रेयान न्यासियों की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने इस मामले में सुनवाई से इनकार कर दिया। उन्होंने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपने हाथ में लिए जाने के आलोक में सुनवाई से इनकार किया।

गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में मारे गए सात साल के मासूम प्रद्युम्न के पिता वरुण चंद्र ठाकुर की ओर से वकील सुशील के. टेकरीवाल और अनुपम सिघला ने रेयान ट्रस्टियों की गिरफ्तारी पर किसी भी तरह की रोक का विरोध किया।

टेकरीवाल ने कहा कि कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न की निर्मम हत्या दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में आती है। इसे देखते हुए इन लोगों को अंतरिम राहत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पीठ ने अगली सुनवाई के लिए कोई भी तिथि निर्धारित नहीं की है। ऐसे में स्कूल के न्यासियों (पिंटो परिवार के सदस्यों) की गिरफ्तारी की संभावना लगातार बनी हुई है।

उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह हरियाणा सरकार को आठ सितम्बर को हुई प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के मामले में जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए नोटिस जारी किया था। अदालत ने अगस्टाइन एफ. पिंटो, उसकी पत्नी ग्रेस और पुत्र रेयान की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

हरियाणा पुलिस पहले इस मामले की जांच कर रही थी लेकिन पीड़ित परिवार की मांग पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सीबीआई जांच के आदेश दिए।

इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने अधिकार क्षेत्र का हवाला देकर पिंटो परिवार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बंबई उच्च न्यायालय ने केवल 15 सितम्बर की शाम पांच बजे तक पिंटो परिवार की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी ताकि वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से संपर्क कर सकें।

गुरुग्राम जिला प्रशासन ने रेयान स्कूल का प्रशासन तीन महीने के लिए अपने हाथों में ले लिया है। मामले में प्रद्युम्न के पिता को कानूनी सहायता पहुंचा रहे मिथलालोक फाउंडेशन के अध्यक्ष बीरबल झा ने कहा कि इस हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला केवल एक बच्चे से नहीं जुड़ा है बल्कि यह लाखों बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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