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कैसे दनादन डाउनलोड हो रही है एक सेकेंड में तीन HD फिल्में, जानें क्या है तकनीक!
अब एक ऐसा वायरलेस नेटवर्क आ रहा है, जिसकी मदद से वाई-फाई की स्पीड को 300 गुना तक बढ़ाया जा सकेगा। ऐसा मानना डच रिसर्चर्स का है। इस वायरलेस नेटवर्क में इन्फ्रारेड रेज का इस्तेमाल किया जाता है।
एंडहोवेन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी के प्रोफेसर टॉन कूनन ने कहा, “दरअसल हम रोशनी की किरणों का इस्तेमाल वायरलेस तरीके से इन्फॉर्मेशन ट्रांसफर करने के लिए कर रहे हैं जहां हर किरण हाई-कैपेसिटी चैनल की तरह काम कर रही है।
यहां काम ऑप्टिकल फाइबर की तरह ही हो रहा है, बस इसमें फाइबर की जरूरत नहीं है। इस वक्त हम हर सेकंड 112 जीबी तक ट्रांसफर कर पा रहे हैं।”
प्रोफेसर टॉन कूनन की बात पर गौर किया जाए तो 112 जीबी डाटा 3 फुल लेंथ एचडी फिल्मों के बराबर है। यह 1 सेकेंड में डाउनलोड होता है।
लाइट एंटीना अलग-अलग ऐंगल्स पर कई सारी अदृष्य वेवलेंथ्स को रेडिएट करते हैं। ऐसे में अगर आपका स्मार्टफोन किसी एंटीना की साइटलाइट से दूर है तो वो अपने आप ही दूसरे से कनेक्ट हो जाएगा।
सबसे अहम बात की इस सिस्टम का मेंटेनेंस और पावर यूज की समस्या नहीं आती है। इसमें हर यूजर के पास अलग एंटीना होता है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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