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बीजेपी नेता की गौशाला में भूख से तड़पकर मरीं 200 गाय
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक में एक भाजपा नेता की गौशाला में दो सौ से ज्यादा गाय की मौत हो गई है। राजपुर गांव के ग्रामीणों ने इलाके के एसडीएम के पास शिकायत करके बताया है कि मृत गायों को गांव के एक सुनसान इलाके में दफना दिया गया है। जिसके बाद पुलिस मे गौशाला संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
धामदा ब्लॉक के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट राजेश पात्रे बीजेपी नेता हरीश वर्मा की गौशाला में पहुंचे, जहां पर उन्होंने गायो की मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि गायों की मौत खाना न मिल पाने और अच्छी देखभान न होने के कारण हुई है।
बीजेपी नेता हरीश वर्मा जो कि जामुल नगर निगम के वाइस प्रेसीडेंट भी हैं, पिछले सात सालों से गौशाला चला रहे हैं। राजपुर सरपंच के पति सेवा राम साहू ने कहा है कि हमने दो दिन पहले गौशाला के पास जेसीबी मशीनों को काम करते देखा और फिर हमने मीडिया को इस बारे में जानकारी दी। जब हम यहां पहुंचे तो हमने देखा कि आसपास पड़ी गायों को दफनाने के लिए कई बड़े गड्ढे खुदे हुए हैं।
इस बीच गौशाला प्रबंधन ने ग्रामीणों के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि निशक्त और बीमार सिर्फ 13 गायों की मौत हुई है। उनके मुताबिक ग्रामीण राजनैतिक द्वेष के चलते उन पर झूठा आरोप मढ़ रहे हैं।
इस गौशाला में लगभग साढ़े छह सौ गाय हैं और इनकी देखभाल के लिए राज्य गौसेवा आयोग से आर्थिक सहायता भी मिलती है, लेकिन हर महीने कितनी रकम मिलती है, इसका खुलासा ना तो प्रशासन ने किया है और ना ही गौशाला प्रबंधन ने।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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