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लाल किले में नहीं घुस पाएगा एक भी सांप, विशेष इंतजाम किए गए

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में 71वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले में कोई सांप न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक पशु कल्याण संगठन से इस पर खास तौर से ध्यान देने के लिए कहा है। पुलिस ने ‘वाइल्डलाइफ एसओएस’ से सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उसकी मदद के लिए एक टीम तैनात करने को कहा है। हाल ही में हुई सुरक्षा जांच के दौरान पार्को, लाल किले के निचले और आसपास के इलाकों में कई सांपों और मॉनीटर लिजर्ड (विशाल छिपकलियों) को देखा गया था।

वाइल्डलाइफ एसओएस के अधिकारियों ने बताया, “लगभग चार से पांच पशु विशेषज्ञों की एक टीम लाल किले के आसपास सुरक्षा कर्मियों की सहायता के लिए तैनात की जाएगी। मुख्य खतरा सांपों और मॉनीटर लिजर्ड से है।” यदि सरीसृप लाल किले में या आसपास पाए जाते हैं तो उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा को देखते हुए सावधानी से स्थानांतरित किया जाएगा और 15 अगस्त के समारोहों के बाद फिर से उनके परिचित वातावरण में उन्हें वापस लाया जाएगा।

वाइल्डलाइफ एसओएस ने कहा कि टीम पहले से ही सुरक्षा को देखते हुए ऐहतियातन क्षेत्र की जांच कर रही है। मानसून के दौरान, वन्यजीव जैसे सांप, मॉनीटर लिजर्ड, बिलाव कस्तूरी (सिवट), नीलगाय व ऐसे ही अन्य पशु अक्सर दिल्ली में दिखाई देते हैं। हाल ही में, दिल्ली विधानसभा परिसर में एक सांप देखा गया था।

दिल्ली में सांप की लगभग 13 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें दो प्रजातियां कोबरा और करैत ही विषैली हैं। इसके अलावा रॉयल स्नैक, वोल्फ स्नैक, रैट स्नैक, कॉमन सैंड बोआ, रेड सैंड बोआ, कॉमन कुकरी, कैट स्नैक, रॉक पाइथॉन, ब्रॉन्ज बैक ट्री स्नैक, लिथ्स सैंड स्नैक और चेकेर्ड कीलबैक शामिल हैं।

दिल्ली में हर महीन सांप देखे जाने की 200 से 300 घटनाएं होती हैं। जबकि हर साल लगभग 2400 से 3,000 सांपों को शहर में पकड़ा जाता है। पूर्व में वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा सांपों को जिन जगहों से पकड़ा गया था, उनमें प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास 7, रेस कोर्स रोड और राष्ट्रपति भवन भी शामिल है।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हमारा संगठन दिल्ली में इस मुद्दे से निपटने के लिए वन विभाग और दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहा है। हमें सांपों के काटने की चिंता है और हम सार्वजनिक सुरक्षा के हित में अपनी टीमों की तैनाती करेंगे।” उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे सांपों को छेड़े नहीं और इन्हें देखे जाने पर 91-9871963535 पर सूचित करें। वाइल्डलाइफ एसओएस के अधिकारी आपके पास मदद के लिए पहुंच जाएंगे।

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अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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