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मनोरंजन

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज फनकार उस्ताद सईदुद्दीन डागर का निधन

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पुणे/जयपुर, 31 जुलाई (आईएएनएस)| ध्रुपद परंपरा के सर्वश्रेष्ठ गायकों में से एक उस्ताद हुसैन सईदुद्दीन डागर का लंबी बीमारी के बाद रविवार शाम पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वह 78 वर्ष के थे। एमजीएम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक श्रीरंग पटवर्धन ने कहा कि सईदुद्दीन डागर के दो बेटे हैं।

पटवर्धन ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि वह प्रशंसकों में सईद भाई के रूप में लोकप्रिय थे। वह गुर्दे और इससे संबंधित अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।

सईदुद्दीन डागर का जन्म राजस्थान में हुआ था और वह प्रतिष्ठित संगीतकार डागर परिवार का हिस्सा थे।

वह कुछ सालों से महाराष्ट्र में जा बसे थे और वहां पुणे में रह रहे थे।

वह लोकप्रिय सात ‘डागर भाइयों’ में सबसे छोटे थे और उन्होंने ध्रुपद परंपरा को जीवित रखने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

29 अप्रैल, 1939 को राजस्थान के अलवर जिले में जन्मे सईदुद्दीन की संगीत यात्रा छह साल की उम्र से ही शुरू हो गई थी।

उनके पहले गुरु उनके पिता उस्ताद हुसैनुद्दीन खान डागर थे। 1963 में पिता की मौत के बाद, उन्होंने अपने चाच पद्मभूषण उस्ताद रहीमुद्दीन खान डागर से प्रशिक्षण लिया। बाद में उन्होंने अपने भाइयों पद्मभूषण उस्ताद एन. अमीनुद्दीन खान डागर, उस्ताद रहीम फहीमुद्दीन खान डागर, उस्ताद एन. जहीरुद्दीन खान डागर और उस्ताद एन. फैयाजुद्दीन खान डागर के अधीन संगीत की शिक्षा प्राप्त की।

उस्ताद साईदुद्दीन डागर ने भारत और विदेशों में कुछ प्रतिष्ठित कार्यक्रमों और संगीत समारोहों में प्रस्तुतियां दी थीं, जिनमें तानसेन समारोह, सवाई गंधर्व, ध्रुपद समारोह, ध्रुपद मेला, डागर सप्तक, धमार समारोह शामिल हैं।

वेबसाइट रागावर्ल्ड डॉट कॉम के मुताबिक, उन्होंने कई सारी विदेश यात्राएं कीं और अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मन मोह लिया।

वह जयपुर और पुणे ध्रुपद सोसायटी के अध्यक्ष भी थे।

उन्होंने भारत में ध्रुपद पर कई कार्यशालाएं और व्याख्यान आयोजित किए थे और हॉलैंड, जर्मनी, फ्रांस और बेल्जियम में साल में दो बार कार्यशालाएं आयोजित की थी। उन्होंने अपने बेटों -नफीसुद्दीन और अनीसुद्दीन डागर- को 20वीं पीढ़ी की डागर वाणी के प्रस्तोता के रूप में तैयार किया है।

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मनोरंजन

फिर बढ़ी एल्विश यादव की मुश्किलें, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

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नई दिल्ली। बिग बॉस ओटीटी 2 विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब ईडी ने एल्विश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सांपों के जहर सप्लाई से ही जुड़ा हुआ है। केंद्रीय एजेंसी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश और अन्य लोगों के खिलाफ दायर एक एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

इसके अलावा खबर ये भी है कि ईडी एल्विश यादव के साथ-साथ बड़े होटल रिसॉर्ट्स और फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ करेगी। बता दें कि नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश यादव को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। ईडी ने एल्विश पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।

एल्विश यादव को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। सांप के जहर तस्करी मामले में एल्विश यादव गौतमबुद्ध नगर की बक्सर जेल में बंद थे। 17 मार्च को एल्विश को पांच अन्य लोगों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने एक बैंकेट हॉल में छापा मारकर 4 सपेरों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था और 9 सांप और उनका जहर बरामद किया गया था। एल्विश यादव पर आरोप है कि वह रेव पार्टी के लिए सांपों के जहर का इंतजाम करते थे और सांपों का इस्तेमाल अपने वीडियो शूट के लिए भी करते थे।

दरअसल साल 2023 के अंत में पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उनके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल और खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने पार्टी वाली जगह पर रेड की थी, जहां पांच सेपेरों के पास से कोबरा समेत नौ सांप और 20 एमएल जहर मिला था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था।

इसके बाद संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात करता सुनाई देता है। इसमें राहुल कह रहा है कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है। राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था। हालांकि, बाद में सभी को जमानत मिल गई थी। पुलिस टीम ने एल्विश यादव के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला, जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया। पूछताछ के बाद उसे नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पांच दिन तक जेल में रहने के बाद एल्विश जमानत पर छूट गया।

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