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अन्तर्राष्ट्रीय

डोभाल, जिएची की मुलाकात, चीन ने ‘प्रमुख समस्याओं’ को उठाया

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बीजिंग, 27 जुलाई (आईएएनएस)| सीमा पर जारी गतिरोध के बीच गुरुवार को चीन की राजधानी में ब्रिक्स देशों के सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक से इतर चीन के शीर्ष राजनयिक यांग जिएची ने भारत के एनएसए के साथ बैठक के दौरान नई दिल्ली के साथ संबंधों की ‘प्रमुख समस्याओं’ को उठाया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों शीर्ष राजनयिकों ने अलग से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

यह हालांकि तत्काल पता नहीं चल पाया है कि चर्चा के दौरान सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध को लेकर उनके बीच बातचीत हुई है या नहीं। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध दूसरे महीने में प्रवेश कर गया है।

सिन्हुआ के मुताबिक, चीन के स्टेट काउंसिलर यांग ने दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील तथा भारत के सुरक्षा प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठक की और ‘द्विपक्षीय संबंधों व प्रमुख समस्याओं पर चीन के रुख का उल्लेख किया।’

यांग ने द्विपक्षीय संबंध, अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मुद्दों तथा बहुपक्षीय मामलों को लेकर तीनों वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ अलग से विचारों का आदान-प्रदान किया और द्विपक्षीय संबंधों व प्रमुख समस्याओं पर चीन के रुख का उल्लेख किया।

डोकलाम में भारत तथा चीन के बीच गतिरोध विवाद का एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिसके बारे में कुछ विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि यह युद्ध का रूप ले सकता है।

सोमवार को ‘ग्लोबल टाइम्स’ के एक संपादकीय में कहा गया था कि भारत को डोभाल के दौरे से यह उम्मीद नहीं लगानी चाहिए कि सीमा गतिरोध का समाधान निकल आएगा।

डोकलाम में चीन, भारत तथा भूटान तीनों देशों की सीमाएं आकर मिलती हैं और इसका तीनों देशों के लिए रणनीतिक महत्व है।

चीन ने बार-बार भारत से डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा है। डोकलाम को चीन अपना भूभाग मानता है। भारत ने कहा है कि दोनों देशों के सैनिकों को उस जगह से हटना चाहिए, क्योंकि यह उसके सहयोगी देश भूटान का हिस्सा है।

भारतीय सेना ने जून में चीनी सैनिकों द्वारा इस इलाके में सड़क निर्माण पर रोक लगा दी थी, जिसके कारण दोनों देशों के सैनिकों के बीच ठन गई थी। डोकलाम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध का यह दूसरा महीना है।

भूटान का चीन के साथ कोई कूटनीतिक संबंध नहीं है। उसने भी डोकलाम में चीन द्वारा सड़क निर्माण का विरोध किया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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