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हमारी गलती निकले तो संजय को फिर भेज दें जेल : महाराष्ट्र सरकार

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मुंबई, 27 जुलाई (आईएएनएस)| पिछले साल जेल से रिहा होने वाले अभिनेता संजय दत्त एक बार फिर मुश्किल में पड़ सकते हैं। महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि अगर पिछले साल अभिनेता की जेल से समय पूर्व हुई रिहाई में जेल के नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो उन्हें फिर से जेल भेजा जा सकता है।

महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भाकोनी ने अदालत से कहा, यदि संजय की रिहाई प्रक्रिया में कुछ विसंगतियां (माफी और फिर समयपूर्व रिहाई) हैं और अगर हमें लगता है कि संजय दत्त मामले में राज्य ने कुछ नियमों का उल्लंघन किया है, तो हम उन्हें फिर से जेल भेज देंगे।

आशुतोष ने कहा कि इस मामले में संजय से किसी प्रकार का विशेष सलूक नहीं किया गया था लेकिन अगर अदालत इससे असहमत होती है, तो अदालत उन्हें फिर जेल भेजने का आदेश दे सकती है।

न्यायमूर्ति आर. एम. सावंत और न्यायमूर्ति साधना जाधव की पीठ इस मामले में जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है। इसी सुनवाई में महाधिवक्ता ने यह बात कही।

हालांकि, अदालत ने कहा कि उसकी ऐसी कोई इच्छा (संजय दत्त को जेल भेजना) नहीं है, लेकिन वह इस बात की जांच करना चाहती है कि इस मामले में नियमों का पालन किया गया था या नहीं? पीठ ने कहा, हम घड़ी की सुइयों को पीछे नहीं ले जाना चाहते।

सामाजिक कार्यकर्ता एस. नितिन सतपुते ने पिछली बार अभिनेता को फरवरी, 2016 में जेल से जल्दी रिहा किए जाने पर जनहित याचिका दायर की थी। संजय को अच्छे व्यवहार के लिए उनकी सजा समाप्त होने से आठ माह पहले ही पुणे की यरवदा जेल से रिहा कर दिया गया था।

इसके बाद, 17 जुलाई को राज्य सरकर ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें कहा गया था कि अभिनेता को अच्छे व्यवहार, अनुशासन और विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभागिता के लिए कुछ मौकों पैरोल दी गईं थीं।

अदालत ने यह जानना चाहा है कि अच्छे व्यवहार व आचरण के वे कौन से मानदंड थे जिनकी बदौलत संजय दत्त को बार-बार वह पैरोल और फरलो मिल जाया करती थी जिसे हासिल करना दूसरे बंदियों के लिए बेहद मुश्किल होता है। अदालत ने सरकार से इस पर एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

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नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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