अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिका के इस कदम से फूट सकता है चीन का गुस्सा
अमेरिकी विदेश विभाग ने ताइवान को 1.42 अरब डॉलर के हथियार बेचने को मंजूरी दे दी। अमेरिका के इस फैसले ने चीन को चिंता में डाल दिया है।डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ताइवान के साथ अमेरिका का यह पहला सौदा है। इसकी वजह यह है कि अब तक अमेरिका, चीन के साथ ‘वन चाइना’ पॉलिसी अपनाता रहा है। इसके तहत अमेरिका चीन को एक राष्ट्र मानता है जिसमें ताइवान अलग देश नहीं है।
हथियारों की बिक्री से चीन नाराज़ हो सकता है क्योंकि चीन ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता आया है। दरअसल, यह फैसला अमेरिका ने उस समय लिया जब अमेरिका लगातार चीन से उत्तर कोरिया पर परमाणु हथियार प्रतिबंध लगाने के प्रयासों पर रोक लगाने के लिए कहता आया है इसलिए यह सौदा एक ऐसे नाज़ुक समय पर हुआ है, जिससे वाशिंगटन और बीजिंग के संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि रडार समेत ताइवान को बेचे जाने वाले हथियारों में सात प्रकार के हथियार हैं। इनमें रेडिएशन-रोधी मिसाइल, तारपीडो और एसएम-2 मिसाइल के कलपुर्जे आदि शामिल हैं।
विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नार्ट ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने कांग्रेस को लगभग 1.42 अरब डॉलर मूल्य के सात प्रस्तावित सौदों को मंजूरी देने के इरादे के बारे में सूचित कर दिया है। नार्ट ने बताया कि इन सौदों को मंजूरी से ताइवान और अमेरिका के संबंधों से जुड़े ताइवान रिलेशन्स एक्ट का उल्लंघन नहीं होता है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।
रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।
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