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इंदौर में पंडाल ढहने से 24 जख्मी, वेंकैया, सुमित्रा, शिवराज बाल बाल बचे
इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण में चयनित 100 शहरों में से 22 शहर मध्य प्रदेश के होने और इंदौर को सबसे साफ शहर घोषित किए जाने के उपलक्ष्य में यहां सोमवार को आयोजित कार्यक्रम ‘प्रणाम इंदौर’ में बारिश के बीच चली तेज हवा के कारण पंडाल गिर गया।
इस दौरान मंच पर उपस्थित केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाल-बाल बच गए, मगर कई अन्य लोगों को चोटें आई हैं। नगर निगम द्वारा दशहरा मैदान में आयोजित ‘प्रणाम इंदौर’ कार्यक्रम चल रहा था, तभी तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई।
बारिश के कारण साउंड सिस्टम और पंडाल का कुछ हिस्सा ढह गया। डोम के नीचे कई लोग दब गए और हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। 24 लोगों को चोटें आने की खबर है। लेकिन मंच पर मौजूद वेंकैया नायडू, सुमित्रा महाजन व शिवराज सिंह चौहान सुरक्षित बताए गए हैं।
चौहान ने घटना के बाद लगातार तीन ट्वीट किए। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “‘तेज आंधी के चलते प्रणाम इंदौर का पंडाल गिर गया। यह एक प्राकिृतक दुर्घटना है। मैं यहीं पर हूं और राहत कार्य का निरीक्षण कर रहा हूं।”
चौहान ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू, महापौर मालिनी गौड़ एवं अन्य गणमान्य अतिथि सुरक्षित हैं।”
मुख्यमंत्री ने तीसरे ट्वीट में लिखा, “घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। इनके इलाज में किसी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी।”
मौके पर मौजूद पुलिस बल व अन्य संगठनों से जुड़े लोग राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भेजा जा रहा है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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