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मुख्य समाचार

गीता, उपनिषद् पढ़कर बीजेपी को टक्कर देंगे युवराज

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चेन्नई। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (युवराज) ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा का मुकाबला करने के लिए आजकल वह भगवद् गीता और उपनिषद् का अध्ययन कर रहे हैं। राहुल गांधी रविवार को यहां कांग्रेस पदाधिकारियों की एक बैठक में मौजूद थे।

इससे पहले राहुल गांधी ने अखिलेश यादव, शरद यादव और सीपीआई के डी राजा के साथ गुंटूर में एक पब्लिक रैली की। इसके अलावा राहुल ने डीएमके चीफ करुणानिधि से मिलकर उनके 94वें जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि मैं आरएसएस और बीजेपी से लड़ाई लड़ रहा हूं इसलिए आजकल मैं गीता और उपनिषद् पढ़ रहा हूं।

पार्टी सूत्रों ने राहुल के हवाले से कहा, ‘मैं उनसे (आरएसएस के लोगों से) पूछता हूं, मेरे दोस्त, आप ऐसा कर रहे हैं, आप लोगों को दबा रहे हैं, लेकिन उपनिषद में लिखा है कि हर व्यक्ति समान है, तो फिर आप अपने ही धर्म में कही गई बात को कैसे झुठला रहे हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बुनियादी तौर पर भारत को समझती ही नहीं है, उसे सिर्फ नागपुर (आरएसएस मुख्यालय) समझ आता है।

पहले भी बीजेपी-आरएसएस पर अपनी विचारधारा सौंपने का आरोप लगा चुके राहुल ने कहा कि देश के हर व्यक्ति को, चाहे वह तमिलनाडु का हो या फिर उत्तर प्रदेश का, विरोध का अधिकार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह किस प्रकार के हिंदू हैं, जो तिरुपति जाकर झूठ बोलते हैं? नरेंद्र मोदी कहते हैं कि वो हिंदू धर्म की रक्षा करते हैं और उन्होंने तिरुपति मंदिर के सामने वादा किया कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देंगे।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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