Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

कार्ति चिदंबरम पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार

Published

on

Loading

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की एक मीडिया कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी दिलाने के मामले में गिरफ्तारी से इनकार नहीं किया है। कार्ति के खिलाफ इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है और मंगलवार को सीबीआई ने उनके आवास और कार्यालयों पर छापे मारे हैं।

सीबीआई के संयुक्त निदेशक विनीत विनायक ने यहां पत्रकारों से कहा, “यह सिर्फ अटकलबाजी है। कानून के मुताबिक और समयानुसार जरूरी कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा। प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही हमने कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।”

उन्होंने कहा कि मीडिया कंपनी आईएनएक्स को एफआईपीबी मंजूरी दिलाने में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अपने बेटे कार्ति के साथ सांठगाठ की जांच की जाएगी।

उनसे जब पूछा गया कि प्राथमिकी में सिर्फ वित्त मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों का जिक्र है, जबकि कार्ति और पी. चिदंबरम का क्यों नहीं? तो उन्होंने कहा, “हम अभी जांच के शुरुआती चरण में हैं। जैसे-जैसे सबूत मिलते जाएंगे, हम निश्चित तौर पर कानून के मुताबिक उन लोगों के खिलाफ जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे, जिनके अपराध में शामिल होने के दस्तावेज मिलेंगे।”

उन्होंने कहा कि हम दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद उचित समय पर आपके सामने पूरा ब्यौरा रखेंगे और चेस मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में तलाशी अभियान अभी जारी है। गौरतलब है कि कार्ति इस कंपनी के चीफ प्रमोटर हैं।

विनायक ने कहा, “मामले में जिन-जिन लोगों की संलिप्तता सामने आएगी, उनके खिलाफ उचित समय पर जांच की जाएगी।”

एफआईआर दर्ज करने को लेकर उन्होंने कहा कि आईएनएक्स मीडिया ने मार्च, 2007 में मॉरिशस स्थित तीन कंपनियों को बेची गई 46.2 फीसदी इक्विटी साझेदारी को वापस खरीदने से संबंधित आवेदन जारी किया था।

अपने आवेदन में कंपनी ने यह भी लिखा था कि वह अपनी एक अन्य कंपनी आईएनएक्स न्यूज में 26 फीसदी का डाउनस्ट्रीम निवेश कर रही है। इस मामले में डाउनस्ट्रीम निवेश के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी और इसके लिए नए आवेदन की जरूरत होगी। कंपनी में 4.6 करोड़ रुपये के निवेश से संबंधित एफआईपीबी को 18 मई, 2007 को मंजूरी मिली।

विनायक ने बताया कि फरवरी, 2008 को आयकर विभाग की ओर से इस एफआईपीबी के संबंध में शिकायत मिली। शिकायत में कहा गया था कि एफआईपीबी में 4.6 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई थी, लेकिन कंपनी ने कानून का उल्लंघन करते हुए सैकड़ों करोड़ रुपये निवेश हासिल किया।

शिकायत में यह भी कहा गया था कि कंपनी को डाउनस्ट्रीम निवेश की इजाजत नहीं मिली थी, इसके बावजूद कंपनी ने डाउनस्ट्रीम निवेश किया।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

Published

on

Loading

एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

Continue Reading

Trending