अन्तर्राष्ट्रीय
मून जे-इन ने साउथ कोरिया के राष्ट्रपति पद की शपथ ली
सियोल। मून जे-इन ने बुधवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। उन्होंने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप पर भू-राजनीतिक तनाव को कम करने के लिए वह उत्तर कोरिया की यात्रा करने और वाशिंगटन और बीजिंग के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। समाचार एजेंसी योन्हाप के अनुसार, नव निर्वाचित राष्ट्रपति ने मंत्रिमंडल, खुफिया एजेंसी और राष्ट्रपति सचिवालय में शीर्ष पदों पर अपने पसंद के लोगों की घोषणा करते हुए कार्यभार संभालने के साथ ही अपना पहला कदम उठाया।
टेलीविजन पर अपने उद्घाटन भाषण में मून के कहा, “मेरे दिमाग में एकता और सह-अस्तित्व की एक अलग दुनिया बनाने का स्पष्ट ब्लूप्रिंट है।” उन्होंने कहा कि परिस्थितियां सही रहने पर वह उत्तर कोरिया की यात्रा भी करने के लिए तैयार हैं।
मून ने नेशनल असेंबली में अपने भाषण में कहा, “मैं जल्द से जल्द राष्ट्रीय सुरक्षा में संकट को हल करने के लिए कदम उठाऊंगा।” नेशनल असेंबली में ही उन्हें राष्ट्रपति की शपथ दिलाई गई थी।
भारी मतों से विजयी हुए मून ने कहा, “यदि जरूरत पड़ी तो मैं कोरियाई प्रायद्वीप की शांति के लिए कहीं भी जाने के लिए तैयार हूं। जरूरत पड़ी तो मैं वाशिंगटन जाऊंगा, बीजिंग व टोक्यो जाऊंगा और परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो उत्तर कोरिया की यात्रा भी करूंगा।”
मून ने कहा कि विवादास्पद थाड मिसाइल सिस्टम के मुद्दे को हल करने के लिए ईमानदारीपूर्वक अमेरिका और चीन से गंभीर वार्ता की जाएगी।
अपनी पहली प्रमुख नियुक्तियों में, राष्ट्रपति मून ने ली नाक-योन को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया, जो दक्षिण जियोला प्रांत के वर्तमान गवर्नर थे। यदि संसद द्वारा पुष्टि की जाती है, तो वह ह्वांग क्यो-आह की जगह लेंगे।
2000 के दशक में दो अंतर-कोरिया सम्मेलनों की तैयारी में अहम भूमिका निभाने वाले सुह हुन को राष्ट्रीय खुफिया सेवा का अध्यक्ष बनाया गया है। मून ने पूर्व छात्र कार्यकर्ता और निकट सहयोगी इम जोंग-सेक को चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नियुक्त किया है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह राष्ट्रपति कार्यालय को एक बार फिर मध्य सियोल के ग्वांगह्वामुन में स्थापित करेंगे। अमेरिका, जापान और चीन ने राष्ट्रपति बनने पर मून को बधाई दी है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया के साथ ‘गठबंधन को मजबूत करने’ और ‘स्थायी मैत्री और साझेदारी बढ़ाने’ की उम्मीद करता है।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने कहा कि उनके देश को ‘उत्तर कोरियाई मुद्दे पर’ सामान्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वे एक साथ काम करके इस क्षेत्र की शांति और समृद्धि में योगदान दे सकते हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वह ‘चीन और दक्षिण कोरिया के बीच संबंधों को हमेशा बहुत महत्व देते हैं’ और ‘वह दोनों देशों के लाभ को सुनिश्चित करने के लिए मून के साथ काम करने के लिए तैयार’ हैं।
पार्क ग्युन-हे को भ्रष्टाचार के आरोप में संवैधानिक न्यायालय द्वारा महाभियोग लगाकर 10 मार्च को हटाए जाने के बाद मून को देश का नया राष्ट्रपति चुना गया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे
नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।
रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।
आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।
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