Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

खेल-कूद

चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत की हिस्सेदारी को लेकर रहस्य गहराया

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत की हिस्सेदारी को लेकर रहस्य और गहरा गया है। वजह यह है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश में क्रिकेट के शीर्ष संगठन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कामकाज देखने के लिए गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बुधवार को राज्य संघों को दो टूक लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्होंने भारत के जून में होने वाली आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में न खेलने का समर्थन किया तो इसके लिए वह कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। सीओए की यह चेतवानी सात मई को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की विशेष आम सभा (एसजीएम) के मद्देनजर आई है।

पिछले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में नई राजस्व प्रणाली को मंजूरी देने का बीसीसीआई विरोध कर रहा है, क्योंकि इसे मंजूरी मिलने से उसकी आय पर गहरा असर होगा।

आईसीसी के इस कदम से बीसीसीआई आहत है और एक जून से 18 जून के बीच इंग्लैंड और वेल्स में होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी में न खेलने पर विचार कर रहा है।

सीओए ने राज्य संघों को लिखे पत्र में कहा है, “अगर हमें लगता है कि भारतीय क्रिकेट के हित के विरोध में कदम उठाए जा रहे हैं, तो हम सर्वोच्च न्यायालय के सामने इस बात को रखने के लिए बाध्य होंगे। साथ ही यह हमारा दायित्व है कि हम हमारी बात अदालत के सामने रखें और मामले में हस्ताक्षेप करने को कहें।”

पत्र में सीओए ने कहा है कि आईसीसी भले ही इस पर फिर से बातचीत करने के लिए तैयार हो जाए, लेकिन बीसीसीआई की 57 करोड़ डॉलर की मांग को आईसीसी स्वीकार नहीं करेगी।

सीओए ने बीसीसीआई को इस हालात के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि अगर 18 अप्रैल को हुई एसजीएम में पास हुए प्रस्ताव के साथ बोर्ड रहता तो इस स्थिति को टाला जा सकता था।

बयान में कहा गया है, “हमारा मानना है कि दुबई में अप्रैल में हुई आईसीसी बैठक में जो हुआ उसे टाला जा सकता था, अगर 18 अप्रैल को हुई विशेष आम सभा में कार्यकारी सचिव को बातचीत के लिए नियुक्त किया जाता, बजाय इसके कि वह मतदान को स्थागित कराएं और अगर इसके लिए आईसीसी या अन्य बोर्ड राजी नहीं होते हैं तो आईसीसी के बदले हुए राजस्व ढांचे के खिलाफ मतदान कराएं।”

बयान में कहा गया है, “21 अप्रैल 2017 को जो बैठक हुई थी, तब हमने कार्यकारी सचिव के बातचीत करने की स्थिति पर शंका भी जाहिर की थी।”

सीओए ने बोर्ड से अपील की है कि वह आईसीसी के सामने भारतीय क्रिकेट के भले के लिए बातचीत करना जारी रखे।

उन्होंने कहा, “यह मुमकिन नहीं है कि आईसीसी और अन्य बोर्ड 2014 के राजस्व ढांचे की रकम पर राजी हों। आईसीसी और अन्य बोर्ड नए राजस्व मॉडल में तय किए गए हिस्से से कुछ ज्यादा पर जरूर हां कह सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “भारतीय क्रिकेट की भलाई के लिए बीसीसीआई को आईसीसी और अन्य क्रिकेट महासंघों से बातचीत जारी रखनी चाहिए, ताकि 2014 के मॉडल और बदले हुए मॉडल में तय की गई हिस्सेदारी के बीच के आंकड़े पर सहमति बने सके।”

उन्होंने कहा, “19 अप्रैल 2016 को बीसीसीआई की एसजीएम की ऑडियो रिकार्डिग से पता चलता है कि बीसीसीआई में इस बात पर सहमति बनी थी कि बीसीसीआई को आईसीसी के साथ मिलकर काम करना चाहिए और थोड़ी कम हिस्सेदारी की बात करनी चाहिए, जिसे सभी महासंघ स्वीकार कर लें। बीसीसीआई को आईसीसी से बात करते समय इसी रुख पर कायम रहना चाहिए।”

खेल-कूद

NADA ने रेसलर बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए किया निलंबित, ये है वजह

Published

on

Loading

नई दिल्ली। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पहलवान बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से बजरंग के पेरिस ओलंपिक में खेलने के सपने पर संकट के बादल छाए हैं। जानकारी के अनुसार बजरंग पुनिया 10 मार्च को सोनीपत में हुए चयन ट्रायल के लिए अपना सैंपल देने में विफल रहे, जिसके बाद नाडा ने उन्हें भविष्य के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से निलंबित करने का आदेश जारी किया।

भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में पुनिया, ओलंपियन साक्षी मलिक और विनेश सहित अन्य शीर्ष पहलवानों की कतार में सबसे आगे थे। निलंबन के बाद टोक्यो ओलंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले पुनिया को इस महीने के अंत में होने वाले चयन ट्रायल में भाग लेने से रोक दिए जाने की संभावना है। 65 किग्रा वर्ग में अभी तक किसी भी भारतीय ने ओलंपिक कोटा नहीं जीता है।

निलंबन पत्र वर्ल्ड यूनाइटेड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की भंग हो चुकी तदर्थ समिति को भेजा गया था। वहीं, बजरंग ने कुछ महीने पहले एक वीडियो जारी कर डोप कलेक्शन किट के एक्पायर होने का आरोप लगाया था। उन्होंने डोप नियंत्रण अधिकारी के निर्देश की अवहेलना की और दावा किया कि नाडा अधिकारियों ने अभी तक उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया है।

Continue Reading

Trending