Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

‘जी हुजूरी’ और गलत काम न करें नौकरशाह : राजनाथ सिंह

Published

on

केंद्रीय गृह मंत्री, राजनाथ सिंह, जी हुजूरी’, नौकरशाह

Loading

नई दिल्लीकेंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अधिकारियों को किसी राजनीतिक प्रतिनिधि का ‘गलत आदेश’ न मानने या ‘जी हुजूरी’ न करने और देशहित में फैसले लेने के लिए कहा।

केंद्रीय गृह मंत्री, राजनाथ सिंह, जी हुजूरी’, नौकरशाह

11वें लोक सेवा दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह के उद्घाटन सत्र के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, “लोक सेवकों के पास शक्तियां हैं। उन्हें फैसले देश हित और जन हित को ध्यान में रखकर लेने चाहिए।

अगर कोई राजनीतिक प्रतिनिधि गलत आदेश दे रहा है तो उन्हें कानून का रास्ता दिखाने में डरें नहीं। उन्हें बताएं कि वे कानूनी रूप से गलत हैं और फाइल पर हस्ताक्षर न करें।”

यह भी पढ़ें :जाधव को न्याय दिलाने का हर संभव प्रयास करेगा भारत : राजनाथ

राजनाथ सिंह ने लोक सेवा अधिकारियों को ‘जी हुजूरी’ करने वाला अधिकारी न बनने की सलाह दी। कहा कि वे अपने अंत:करण से न भटकें। उन्होंने कहा, “हां में हां न मिलाइए। अपने अंतरात्मा के साथ विश्वासघात मत करिए।”

उन्होंने फैसले लेने से बचने वाले अधिकारियों को हल्के अंदाज में घुड़की भी दी और कहा कि इस तरह की हिचकिचाहट से देशहित को नुकसान पहुंच सकता है।
राजनाथ ने कहा, “जरूरत पड़े तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करें। उनसे राय मशविरा करें, लेकिन फैसला लेने में किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।”

साथ ही राजनाथ सिंह ने लोक सेवा अधिकारियों को सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा 21 अप्रैल, 1928 में दिए मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन करने के लिए कहा।

राजनाथ सिंह ने कहा, “सरदार पटेल ने कहा था कि अगर लोक सेवकों को भारत का इस्पात का ढांचा कहा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सरदार पटेल ने 1948 में लोक सेवकों के लिए दिया गया मार्गदर्शक सिद्धांत आज के दौर में भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

Published

on

Loading

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

Continue Reading

Trending