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नवाज को आई ट्रंप की याद, लगाने लगे कश्मीर विवाद सुलझाने की गुहार

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का मानना है कि अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार पाकिस्तान तथा भारत के बीच लंबे समय से बरकरार कश्मीर विवाद का निपटारा कर सकती है, जो दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति के लिए सबसे बड़ी बाधा है।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान से कहा है कि कश्मीर के मुद्दे पर अमेरिका अहम भूमिका निभा सकता है, जो अभी तक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अमेरिका सहित पूरी दुनिया इस बात से अवगत है कि यह विवाद दुनिया में शांति तथा क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा है।

शरीफ ने कहा, “कश्मीर विवाद के समाधान की दिशा में हम प्रगति की कामना करते हैं, जो क्षेत्र की शांति तथा विकास के मार्ग की बड़ी बाधा है और इस सच्चाई से अमेरिका सहित पूरी दुनिया अवगत है।” अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान दक्षिण एशिया में शांति तथा सुरक्षा के मुद्दे को सुलझाने में सहायता की इच्छा जताई थी। ट्रंप की इच्छा को बाद में उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने भी दोहराया, जबकि हाल में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली भी ट्रंप की इच्छा के सुर में सुर मिला चुकी हैं।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का संदर्भ देते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद को अपने प्रस्तावों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने में नाकाम होने पर पहले ही उसकी विश्वसनीयत पर सवाल उठ चुके हैं।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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