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यह नोटबंदी की नहीं बल्कि दानवीकरण की जीत है : सिब्बल

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नोटबंदी, सिब्बल, वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, राज्यसभा, विधानसभा चुनाव

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नई दिल्ली | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि यह नोटबंदी की जीत नहीं बल्कि दानवीकरण की जीत है। सिब्बल ने हाल ही में देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के संदर्भ में यह बात कही।

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राज्यसभा में वित्त विधेयक-2017 पर चर्चा के दौरान सिब्बल ने कहा, “यह सोचना गलत है कि नोटबंदी की जीत हुई है। यह दानवीकरण की जीत है।”

सिब्बल ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जेटली ने यह कहकर देश की जनता का अनुचित तरीके से अनादर किया है कि वे कर चोरी करते हैं।

सिब्बल ने कहा, “वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बहुत ही भावुक अपील की थी और वास्तव में देश की आम जनता से कहा कि वे सभी बेईमान हैं, क्योंकि वे कर नहीं चुकाते। जेटली ने कहा कि 125 करोड़ की आबादी में सिर्फ 3.17 करोड़ लोग कर चुकाते हैं।”

सिब्बल ने कहा, “लेकिन अगर आप विश्लेषण करें तो पाएंगे कि इस देश में सिर्फ तीन करोड़ लोग ही कर चुकाने की हालत में हैं। और आप कह रहे हैं कि देश की जनता बेईमान है, क्योंकि वे कर नहीं चुकाते और इसलिए आपने देश को इस भयानक स्थिति में डाला।”

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अवैध घोषित कर दिया था, जिसे उन्होंने काले धन के खिलाफ लड़ाई बताया था।

वित्त विधेयक के कई प्रावधानों की कड़ी आलोचना करते हुए सिब्बल ने उन्हें पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाला, देश की संघीय संरचना को कमजोर करने वाला, सरकार को जनता की जासूसी करने की इजाजत देने वाला और कारोबार जगत में भय का माहौल बनाने वाला बताया।

सिब्बल ने कहा कि इस विधेयक के जरिए राजनीतिक दलों को उद्योग जगत से मिलने वाले चंदे की सीमा हटाया जा रहा है और नए प्रावधानों के तहत चंदा देने वालों की पहचान उजागर करने की भी जरूरत नहीं होगी।

उन्होंने कहा, “किसी कंपनी की कुल आय का 7.5 फीसदी चंदा देने की सीमा हटायी जा रही है। अब तो कंपनी के हिस्सेदार भी नहीं जान सकेंगे कि किस पार्टी को चंदा दिया गया।”

आधार कार्ड को अधिकतर जन कल्याण की योजनाओं में अनिवार्य किए जाने पर सिब्बल ने कहा कि आधार को सिर्फ जन वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए लाया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार इसका उपयोग आम जनता की जासूसी करने में कर रही है।

 

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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