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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में भारतीय मूल के शख्स पर हमला

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अमेरिका, नस्लीय हमले, दक्षिण कैरोलिना, किंग5 टीवी, भारतीय मूल

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वाशिंगटन | अमेरिका में नस्लीय हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामले में एक नकाबपोश हमलावर ने भारतीय मूल के एक शख्स को उनके घर के सामने गोली मार दी। बंदूकधारी ने उस पर गोली चलाने से पहले उसे अमेरिका छोड़कर अपने देश लौट जाने की चेतावनी दी।

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पुलिस अधिकारियों और मीडिया ने पीड़ित की पहचान उजागर नहीं की है। हालांकि, वह इस हमले में बचने में कामयाब रहा है।

इससे पहले गुरुवार को दक्षिण कैरोलिना के लैंकेस्टर में भी एक नस्लीय हमले में हरनीश पटेल की हत्या कर दी गई थी। वहीं, 22 फरवरी को कंसास में हुए नस्लीय हमले में कुचिभोटला की मौत हो गई थी। कंसास में 22 फरवरी को हुए हमले में आलोक मदासानी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

स्थानीय पुलिस के मुताबिक, ताजा घटना में 39 वर्षीय पीड़ित को उसके घर के सामने गोलियां मारी गई हैं। हमलावर श्वेत था और उसने आंशिक रूप से अपना चेहरा ढका हुआ था।

केंट पुलिस प्रमुख केन थॉमस ने शनिवार सुबह कहा, “हम अभी जांच के शुरुआती चरण में हैं। हम इसे एक बहुत ही गंभीर घटना के रूप में देख रहे हैं।”

किंग5 टीवी के मुताबिक, घटना की नस्लीय अपराध के तौर पर जांच की जा रही है। पुलिस ने संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) से भी मदद मांगी है।

केंट सिटी काउंसिल के उम्मीदवार सतविंदर कौर ने फेसबुक पर कहा कि पीड़ित के बाजू में गोली लगी है और उन्होंने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की इच्छा जताई है, इसलिए एक समुदाय के तौर पर हमें इसका सम्मान करना चाहिए।

केंट की महापौर सुजेट कूके भी पीड़ित से मिलने अस्पताल पहुंचीं। अमेरिका में सिख समुदाय के नेता जसमीत सिंह ने बताया कि पीड़ित को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

सिंह ने बताया, “वह और उसका परिवार डरा हुआ है। फिलहाल, जो कुछ भी हो रहा है, हम उससे सकते में हैं।” अमेरिका में एक अन्य भारतीय मूल के नागरिक ने ट्वीट कर कहा, “इस नृशंस गोलीबारी की घटना पर हमारी प्रार्थना एवं संवेदनाएं परिवार और पूरे सिख समुदाय के साथ हैं। इसकी नस्लीय हमले के तौर पर जांच की जानी चाहिए।”

 

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भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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