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इसरो ने फिर रचा कीर्तिमान, 104 उपग्रह कक्षा में स्थापित

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isro 104 satelliteश्रीहरिकोटा| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार सुबह एक साथ 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक उनकी कक्षा में स्थापित कर इतिहास रच दिया। इसमें देश का पृथ्वी अवलोकन उपग्रह काटरेसैट-2 भी शामिल है। उपग्रहों का प्रक्षेपण भारतीय रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिये किया गया।

इसरो के अध्यक्ष ए.एस.किरण कुमार ने सफल प्रक्षेपण के लिए टीम को बधाई देते हुए कहा, “104 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया गया।”44.4 मीटर लंबे और 320 टन वजनी रॉकेट पीएसएलवी-एक्सएल ने सुबह 9.28 बजे उड़ान भरी।काटरेसैट-2 उपग्रह का वजन 714 किलोग्राम है और यह पांच वर्षो तक काम करेगा।

रॉकेट मिशन नियंत्रण कक्ष में इसरो वैज्ञानिक अपनी कंप्यूटर स्क्रीन पर टकटकी लगाकर इतिहास बनते देख रहे थे। लगभग 28 मिनट की उड़ान के बाद पीएसएलवी ने सफलतापूर्वक सभी 104 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर दिया।

इसरो के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करते हुए कहा, “काटरेसैट उपग्रह पृथ्वी अवलोकन उपग्रह के काटरेसैट-2 श्रृंखला का चौथा उपग्रह है। इस श्रृंखला के तीन उपग्रह पहले ही पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए जा चुके हैं और दो अन्य का प्रक्षेपण किया जाना है। काटरेसैट-2 श्रृंखला के सभी छह उपग्रहों को प्रक्षेपित किए जाने के बाद काटरेसैट-3 श्रृंखला के उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा।”

जिन उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया है, उनमें 101 नैनो उपग्रह हैं, जिनमें से इजरायल, कजाकस्तान, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड व संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के एक-एक और अमेरिका के 96 तथा भारत के दो नैनो उपग्रह शामिल हैं। इन सभी उपग्रहों का कुल वजन लगभग 1,378 किलोग्राम है। परियोजना निदेशक जयकुमार ने बताया कि पीएसएलवी रॉकेट से अब तक जिन 226 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जा चुका है, उनमें से 179 उपग्रह विभिन्न देशों के हैं।

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के निदेशक पी.कुन्हीकृष्णन के मुताबिक, इस साल तीन और प्रक्षेपण किए जाने हैं।इसरो ने बुधवार को एक साथ 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण कर इस संबंध में रूस का रिकॉर्ड तोड़ दिया। रूस ने 19 जून, 2014 को एक साथ 37 उपग्रह प्रक्षेपित किए थे।

नेशनल

बसपा ने जौनपुर से धनंजय सिंह की पत्नी का काटा टिकट, पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव होंगे उम्मीदवार

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने जौनपुर लोकसभा सीट से अपनी प्रत्याशी श्रीकला सिंह का टिकट काट दिया है। श्रीकला का टिकट कटने की पुष्टि बसपा जिलाध्यक्ष संग्राम भारती ने की है। हालांकि, इसकी क्या वजह है इस संबंध में उन्होंने शीर्ष नेतृत्व का फैसला बताते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि श्रीकला जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह की पत्नी हैं। धनंजय सिंह को हाल ही में कोर्ट से राहत मिलने के बाद जेल से बाहर आए हैं।

श्रीकला पहले ही बीएसपी उम्मीदवार के रूप में जौनपुर लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर चुकी हैं। श्रीकला की जगह पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव जौनपुर सीट से बसपा के प्रत्याशी होंगे। वह जल्द ही नामांकन दाखिल करेंगे। बीजेपी ने जौनपुर से कृपा शंकर सिंह और सपा गठबन्धन ने बाबू सिंह कुशवाहा को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है।

धनंजय सिंह ने कुछ ही दिनों पहले जौनपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। हालांकि, इसी बीच जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें 7 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी को बसपा से टिकट मिला था। इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानत दे दी थी लेकिन सजा पर रोक से इनकार कर दिया था।

पूर्व सांसद धनंजय सिंह सजा पर रोक न लगने के कारण अभी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इसलिए बसपा की ओर से उनकी पत्नि श्री कला रेड्डी चुनावी मैदान में उतरी थीं। माना जा रहा था कि अब हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद धनंजय सिंह खुद पत्नी के लिए जौनपुर में प्रचार करने वाले थे। उन्होंने पत्नी श्रीकला को चुनाव लड़ने और जीतने के लिए शुभकामनाएं दी थीं।

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