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हमले के बाद भंसाली ने रोकी शूटिंग, बॉलीवुड ने एकजुट होकर की कार्रवाई की मांग

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sanjay-Leela-Bhansaliमुंबई/जयपुर। फिल्म ‘पद्मावती’ के सेट पर मशहूर फिल्मकार संजय लीला भंसाली पर करणी सेना की ओर से किए गए हमले के बाद शनिवार को पूरा बॉलीवुड एकजुट नजर आया। सिनेमा जगत की हस्तियों ने एक सुर में इसकी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है। ‘फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया लिमिटेड’ ने घटना की निंदा करते हुए भारत सरकार से अराजक तत्वों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

वहीं भंसाली ने घटना के एक दिन बाद शनिवार को जयपुर में चल रही फिल्म की शूटिंग रद्द कर दी और कहा है कि वह फिर कभी जयपुर में किसी फिल्म की शूटिंग नहीं करेंगे। फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभा रहे अभिनेता रणवीर सिंह और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने करणी सेना के आरोपों को मिथ्या करार देते हुए कहा कि भंसाली ऐतिहासिक तथ्यों से तोड़मरोड़ कर ही नहीं सकते।

घटना से दुखी व निराश दीपिका ने कहा कि ‘पद्मावती’ में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश नहीं किया गया है। दीपिका ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, “सदमे की स्थिति में हूं। कल की घटना से गहरा दुख और निराशा हुई है। पद्मावती (फिल्म में दीपिका का किरदार) के तौर पर मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि इतिहास में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है।” शुक्रवार को दोपहर 12 बजे के आसपास जयगढ़ किले में ‘पद्मावती’ की शूटिंग के दौरान करणी सेना के कुछ सदस्य वहां पहुंचकर विरोध जताने लगे। उन्होंने भंसाली और यूनिट के लोगों के साथ बदसलूकी की। करणी सेना के सदस्यों ने भंसाली के साथ मारपीट की, उनके बाल खींचे और शर्ट भी फाड़ डाली।

करणी सेना का आरोप है कि भंसाली ने तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है। फिल्म में पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच प्रेम संबंध दिखाया जा रहा है, जबकि पद्मावती ने खुद को खिलजी से बचाने के लिए हजारों अन्य महिलाओं के साथ जौहर (आग में कूदकर जान दे देना) कर लिया था। भंसाली के करीबी सूत्र ने बताया, “उन्होंने (भंसाली) सामान पैक कर लिया है और कहा है कि वह फिर कभी जयपुर में शूटिंग नहीं करेंगे।”

सूत्र के यह भी बताया कि भंसाली ने मुंबई में सेट लगाने का फैसला किया है और वहां आगे की शूटिंग होगी। ‘फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया लिमिटेड’ के अध्यक्ष सिद्दार्थ रॉय कपूर ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा, “‘फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया लिमिटेड’ के अध्यक्ष के तौर पर और पूरे फिल्म उद्योग की ओर से मैं ‘पद्मावती’ के सेट पर गुंडागर्दी की कड़ी निंदा करता हूं। यह हमारे लोकतंत्र में मिली अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा प्रहार है।”

भंसाली पर हमले की खबर सामने आते ही बॉलीवुड हस्तियों ने इस पर हैरानी व गुस्से का इजहार किया। भंसाली के प्रति एकजुटता दर्शाने वालों में प्रियंका चोपड़ा, फरहान अख्तर, अनुराग कश्यप, आशुतोश गोवारिकर, शबाना आजमी, महेश भट्ट, सुधीर मिश्रा, करन जौहर और ऋषि कपूर प्रमुख हैं।

प्रियंका चोपड़ा ने ट्वीट किया, “संजय लीला भंसाली के साथ जो कुछ भी हुआ, उसे सुनकर मैं दुखी हूं। हमारे पूर्वजों ने हमें हिंसा नहीं सिखाई है।” फरहान अख्तर : अगर फिल्मी हस्तियां ऐसी गुंडई के खिलाफ एकजुट नहीं होती है तो स्थिति और खराब हो जाएगी। मैं भंसाली के साथ हूं। अगर उन्हें भंसाली की फिल्म पसंद नहीं आ रही है तो वे इसे न देखें।

अनुराग कश्यप : आज तुम्हारी वजह से मुझे खुद के राजपूत होने पर शर्म आ रही है करणी सेना.. बिना रीढ़ वाले कायर। हिंदू चरमपंथ अब ट्विटर से बाहर निकलकर वास्तविक दुनिया में आ गया है। हिंदू चरमपंथ अब मिथक नहीं रह गया है।

आशुतोष गोवारिकर : चौंकाने वाला। भयावह। निराशाजनक। इसके बावजूद हम जो चाहते हैं, उसे बनाना बंद नहीं करेंगे। संजय आप पूरी ताकत से खड़े रहें। मैं आपके साथ हूं।

शबाना आजमी : फिल्म उद्योग को एकजुट रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे कभी इस तरह की घटना न हो।

महेश भट्ट : आप किसी व्यक्ति को पीटकर किसी विचार को खत्म नहीं कर सकते। विचारधारा की जंग दूसरी विचारधारा को हराकर ही जीती जा सकती है। हिंसा की राजनीति अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भयभीत करने वाली है। अपनी आवाज उठाइये! मैं विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार का समर्थक हूं, न सिर्फ अपने लिए, बल्कि उनके लिए भी, जो मेरी विचारधारा से मेल नहीं खाते।

सुधीर मिश्रा : हमारी मर्यादा का हनन हुआ है। पूरे फिल्म जगत को संजय के साथ खड़ा होना चाहिए और इसकी मांग करनी चाहिए कि गुंडों की इस जमात के सभी सदस्यों को गिरफ्तार किया जाए।

करन जौहर : भंसाली के साथ जो हुआ उससे मैं हैरान और दुखी हूं.. यह हम सब के लिए एक उद्योग के रूप में अपने लोगों और बिरादरी के लिए खड़े होने का समय है.. बहुत गुस्सा आ रहा है, खुद को असहाय महसूस कर रहा हूं! यह हमारा भविष्य नहीं हो सकता!

ऋषि कपूर : आप बिना तथ्यों को जाने कानून को कैसे अपने हाथ में ले सकते हैं। करणी सेना को शर्मिदा होना चाहिए। आपके साथ हूं संजय।

ऋतिक रोशन : भंसाली सर मैं आपके साथ हूं। यह बहुत क्रोधित करने वाला है।

बोमन ईरानी : भंसाली के साथ जो हुआ उससे दुखी और परेशान हूं। निष्क्रियता केवल दूसरों को प्रोत्साहित करेगी.. यह अराजकता है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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